वर्तमान में राजस्थान पुलिस में सब इंस्पेक्टर के रूप में तैनात
ऊंटी में रहकर एशियन गेम्स की कर रहे हैं प्रैक्टिस
प्रयागराज (ब्यूरो)। यह कहना था इंदिरा मैराथन के प्रथम विजेता शेर सिंह राणा का था। शेर सिंह वर्तमान में राजस्थान पुलिस में सब इंस्पेक्टर के रूप में तैनात हैं। इससे पहले आर्मी में भी काम कर चुके हैं। मैराथन जीतने के बाद उन्होंने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट से बातचीत की। कहा, शहर के हर प्रमुख चौराहे पर पब्लिक द्वारा उत्साह बढ़ाया जा रहा था। पब्लिक बकप कर रही थी। लोग यही कह रहे थे, वाह शाबाश थोड़ा और जोर लगा के, तुम ही विजेता हो। बस बस थोड़ा दूर और रह गया है। हमने तो केवल रेस जीती है। उसी का परिणाम है कि प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है। शेर सिंह ने बताया कि वह एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं। वह राजस्थान के सीकर डिस्ट्रिक्ट के रहने वाले है। वह पहले सेना के कुमाऊं रेजिमेंट में सिपाही के पद पर रहकर देश की सेवा कर रहे थे। जब इंटरनेशनल गेम में ब्रांज मेडल जीता तो राजस्थान सरकार ने राजस्थान पुलिस में सब इंस्पेक्टर की नौकरी दे दी। अब वह राजस्थान पुलिस का हिस्सा बन चुके हैं। सरकार का पूरा समर्थन मिल रहा है तो वह ऊंटी में रहकर एशियन गेम की प्रैक्टिस कर रहे हैं। डेली तीन घंटे कड़ी प्रैक्टिस के कारण ही वो ये रेस जीत पाए है। बस दुख इस बात का है कि 2:13:57 मिनट की टाइमिंग ब्रेक नहीं कर पाया। 35 किलोमीटर दौडऩे के बाद मेरी मांसपेशियां खिंचने लगी और मेरी रफ्तार धीमी पड़ गई।
सौ मीटर दूर थे सेकेंड और थर्ड विनर
बताया कि सेकेंड और थर्ड विनर से करीब सौ मीटर से ज्यादा की दूरी शुरु से ही मेंटेन कर लिये जाने से उनका रास्ता थोड़ा आसान हो गया था। कहा कि अगली बार 2:13:57 मिनट वाली टाइमिंग ब्रेक करने का लक्ष्य लेकर आऊंगा। अब पूरा कंसंट्रेशन एशियन गेम्स के लिए है। गोल्ड जीतने का टारगेट रखा है। इंटरनेशनल में ब्रांज मेडल आ चुका है। बता दें कि शेर सिंह टाटा मुंबई मैराथन में भी गोल्ड मेडल जीत चुके हैं।
2017 और फिर 2021 में दूसरा स्थान प्राप्त कर चुके हैं अनिल
क्कक्र्रङ्घ्रत्रक्र्रछ्व: इंदिरा मैराथन रेस में पुरुष वर्ग में तीसरा स्थान प्राप्त करने वाले 111 टीए बटालियान कुंमायू रेजीमेंट में हवलदार अनिल कुमार सिंह है। वह प्रयागराज से हैं। दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट से बातचीत में अनिल कुमार बताते है कि वह मलेशिया में फरवरी में होने वाले कामनवेल्थ गेम्स में भारत प्रतिनिधित्व करेंगे। उन्होंने इंदिरा मैराथन 2017 और 2021 में दूसरा स्थान प्राप्त कर चुके हैं। वह मूल रूप से झूंसी स्थित हनुमानगंज के गांव सुदनीपुर कला के रहने वाले है। वह बताते है कि बचपन से ही अपनी दौड़ से सबको प्रभावित करते थे।
2016 में ज्वाइन किए थे आर्मी
इस बार के 37वीं इंदिरा मैराथन में तीसरा स्थान प्राप्त करने अनिल का जीवन भी संघर्षमय रहा है। वह बताते है कि घर की स्थिति कुछ ठीक नहीं है। घर की जिम्मेदारी भी उन्हीं के कंधों पर है। 2016 में आर्मी ज्वाइन करने के बाद स्पोर्ट्स विंग में चले गए। वहां कोच केसी रामू के निर्देशन में लंबी दौड़ की प्रैक्टिस शुरू की। इंदिरा मैराथन 2017 और फिर 2021 में पार्टिसिपेट किया और दूसरे स्थान पर रहे। 2022 में हुई दिल्ली मैराथन को दो घंटा 16 मिनट पूरी करने के बाद अनिल कामलवेल्थ गेम्स के लिए चयनित हो गए है। वह कहते हैं कि अपने प्रदर्शन को बेहतर करने के लिए इंदिरा मैराथन में भी भाग लेने का फैसला किया। निरंतर प्रैक्टिस जारी रखा। अपनी दौड़ दो घंटे 23 मिनट 38 सेकेंड में पूरी करने वाले अनिल कहते है कि वे मैराथन में लगातार लीड लिए हुए थे पर आखिरी दौर में दूसरे धावकों से पीछे हो गए। मगर अगली बार पूरी कॉन्फिडेंस के साथ पहला स्थान प्राप्त करने के इरादे से आने की बात कही।