प्रयागराज ब्यूरो । 14
बड़े व छोटे मिला का नाले हैं वार्ड 54 में
02
बड़े नालों की सफाई जनकार के जिम्मे है।
04
जगह दोनों बड़े नालों पर है काफी कब्जा
01
जोन के ये नाले सफाई वार्ड 02 में आते हैं

शहर के कई क्षेत्रों में होने वाले जलभराव के मुख्य कारण नालों की सफाई नहीं होना भले हो, पर इस समस्या के पीछे एक सच और भी है। वह ये है कि बढ़ती आबादी और चंद स्वार्थी लोग भी हैं। दरअसल तात्कालिक लाभ को देखते हुए तमाम लोग नालों पर बेहिसाब कब्जा कर रखे हैं। कुछ ऐसा ही हाल है नगर निगम के चुनाव वार्ड 54 के अधिकांश छोटे बड़े नालों का। इस वार्ड में दो बड़े और 12 छोटे नाले हैं। बड़ों नालों की सफाई का दायित्व नगर निगम के जनकार विभाग के पास है। छोटे नालों की सफाई का जिम्मा खुद नगर निगम ले रखा है। संभावित मानसून को देखते हुए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट द्वारा वार्डों में नालों की सफाई का रियलिटी चेक किया गया। इस चेकिंग के दौरान यहां छोटे नालों की सफाई तो कुछ ठीक मिली पर दोनों बड़े नालों में सफाई का कार्य बद से बदतर कंडीशन में है। ऐसे में बारिश हुई तो मोहल्ले में जल का भराव होना तय है।

तब तो पानी में डूब जाएगा बजट?
वक्त के साथ इस वार्ड में आबादी तो बढ़ती गई मगर नालों की चौड़ाई कम हो गई। इसके पीछे नालों पर किया गया कब्जा सबसे बड़ा कारण है। नगर निगम के जिम्मेदारों द्वारा ध्यान नहीं दिया जाना भी नालों पर कब्जा की एक बड़ी वजह है। खैर, आसमान में घुमड़ते बादल कब बरस जाय कुछ भी कहना संभव नहीं है। लोगों का कहना है कि एक भी बारिश हो गई तो नालों की सफाई का काम विभाग कागज पर कम्प्लीट कर लेगा। इसके बाद सफाई के लिए निर्धारित बजट बंदर बांट की भेंट चढ़ जाएगी। यदि हालात यही रही तो वार्ड के कई मोहल्लों में बारिश के पानी का भराव होना तय है। यदि ऐसा हुआ तो विभागीय लापरवाही व अनदेखी का खामियाजा पब्लिक को भुगतना पड़ेगा।

बाक्स
अफसरों को उठाने होंगे यह कदम
नालों की चौड़ाई का प्रॉपर सर्वे कराएं।
नए नाले बनाएं, पुरानों को पक्का करें।
नालों पर हुए कब्जे को तत्काल हटाएं।
नालों की लंबाई को भी बढ़ाया जाय।
सफाई में सिर्फ कोरम पूरा नहीं करें।
जिम्मेदारी के साथ नालों पर ध्यान दें।
लापरवाह ठेकेदारों पर कार्रवाई करें।

पब्लिक को भी देना होगा ध्यान
ऐसा नहीं कि सारी जिम्मेदारी विभाग और अफसरों की ही है। वार्ड में रहने वालों को भी अपने मोहल्ले की चिंता करनी होगी। क्योंकि नालों में ज्यादातर गंदगी व कूड़ाकरकट लोगों के द्वारा ही फेके जाते हैं। वार्ड 54 में कई छोटे नालों की सफाई हो गई है। मगर, देखने को यह मिला कि सफाई के बाद भी लोग उस नाले में कूड़ाकरकट फेक रहे हैं। इंदौर शहर की तरह यहां भी लोगों को स्वच्छता के प्रति मरचुकी इच्छाशक्ति को जागृत करना होगा।

टेंडर अब तो सफाई होगी कब
बारिश यहां कभी भी हो सकती है। बारिश हो गई तो इस टेंडर को लेने वाले लोग नालों की सफाई कैसे करेंगे? यह बात शायद किसी को बताने की जरूरत नहीं है। उदाहरण के लिए वार्ड 54 से सटे 71 वार्ड में नालों की सफाई के टेंडर को देखा जा सकता है। पार्षद गुलाब सिंह बताते हैं कि अभी तीन-चार दिन पूर्व टेंडर हुआ है, सफाई अब तक शुरू नहीं हो सकी है।


जोन एक चुनाव वार्ड 54 के नाले
मार्ग नंबर 07 सुरी अड्डे का नाला पुर्वांचल चौराहा तक चौड़ाई 060 मीटर और लंबाई 300 मीटर 100 मानव दिवस।
60 फीट रोड चक्की तिराहा से कसारी मसारी तिराहा तक दोनों पटरी का नाला चौड़ाई 0.90 मीटर और लंबाई 700 मीटर 200 मानव दिवस।
अखिलेश पार्षद के निवास वाली गली से उज्ज्वल दादा के घर तक का नाला 0.90 मीटर चौड़ा और 400 मीटर लंबा है। सफाई के लिए 200 मानव दिवस तय है।
चकिया जच्चा बच्चा केंद्र से सिंह मिष्ठान भण्डार तक नाला 0.90 मीटर चौड़ा व 400 मीटर लंबा है सफाई के लिए 200 मानव दिवस सफाई के लिए निर्धारित है।
कौशाम्बी मार्ग शिव मिष्ठान भण्डार से भवन हार्डवेयर की दुकान तक 0.90 मीटर चौड़ा 400 मीटर लंबा है, 150 मानव दिवस में सफाई होनी है।
चकिया भोला तिराहा से राघवन गेस्ट हाउस तक 0.90 मीटर चौड़ा और 400 मीटर लंबा है, सफाई मानव दिवस 200 तय है।
भोला चौराहा से लेकर पूर्वांचक चौराहा के आगे तक बड़ा नाला 0.90 मीटर चौड़ा व 400 मीटर लंबा 100 मानव दिवस सफाई के लिए तय है।
30 फीट रोड शिव मिष्ठान से लेकर सावित्री देवी कूड़ा अड्डे तक का नाला 0.90 मीटर चौड़ा व 500 मीटर लंबा है। 100 मानव दिवस में सफाई होनी है।
सिंह मिष्ठान मार्ग 07 से भोला चौराहा ग्रामीण बैंक ऑफ बड़ौदा 0.90 मीटर चौड़ा व 400 मीटर लंबा है, 150 मानव दिवस में सफाई का प्लान है।
नईम चाय चौराहा से कसारी मसारी चौराहा तक दोनों साइड 0.90 मीटर चौड़ा व 400 मीटर लंबा है। सफाई के लिए 100 मानव दिवस सृजन का प्लान है।
कसारी मसारी चौराहा से 120 फीट रोड बड़ा नाला मौसम बिहार 0.90 मीटर चौड़ा व 1700 मीटर लंबा है, मशीन से साफ कराया जा ना है 600 मानव दिवस तय है।
बड़ा नाला तिराहा से नलकूप कब्रिस्तान तक 0.90 मीटर चौड़ा व 400 मीटर लंबा है इसके लिए 100 मानव दिवस का मानक तय है।
मंगताना झोपड़ पट्टी तिराहा से मस्जिद तक 0.90 मीटर चौड़ा व 400 मीटर लंबा है। सफाई के लिए 100 मानव दिवस का मानक फिक्स किया गया है।
69 ध्रुव नारायण श्रीवास्तव मकान से कर्बला बड़ी मस्जिद तक का नाला 0.90 मीटर चौड़ा व 300 मीटर लंबा है। इसके लिए 200 मानव दिवस में सफाई कार्य तय है।

नालों की सफाई और मानीटरिंग प्रॉपर होनी चाहिए। सिर्फ मानसून को देखते हुए इसकी सफाई काम किया जाना ठीक नहीं है। कम से कम हर छह महीने पर नालों की सफाई होनी चाहिए।
मो। आरिफ, राजरूपपुर करेली

आप नालों के सफाई की बात कर रहे यहां नाली ही नहीं साफ हो रही है। नाली चोक होने से ओवर फ्लो करके लोगों के घर में पानी घुस जाता है। हमारी दुकान के आगे एक तोड़े गए घर का मलबा नाली पर पड़ा है। इससे पानी निकल ही नहीं पा रहा है।
जग्गन, चकिया

हमारे वार्ड में नालों की सफाई का काम चल रहा है। यह बात सच है कि काम थोड़ा देर से शुरू हुआ। इसके पीछे लोकसभा चुनाव आचार संहिता बड़ा कारण रहा। मैं, खुद लग कर नालों की सफाई करवा रहा हूं। रहा सवाल नालों पर कब्जे को तो इस बारे में फिलहाल हम कुछ नहीं कह सकते।
मिथलेश कुमार सिंह, वार्ड 54 राजरूपपुर