प्रयागराज (ब्‍यूरो)।
सोसायटी मे आए दिन साइबर ठगी के मामले सामने आते हैं। लेकिन, एसआरएन अस्पताल का ऐसा इंसीडेंट सामने आया है जिसमें एक निजी बैंक ने जागरुकता फैलाने के नाम पर नर्सों का फंड ऑनलाइन अपने खाते में ट्रांसफर कर लिया। जब इसकी जानकारी नर्सों को हुई तो उन्होंने नाराजगी जताई। जानकारी होने पर अस्पताल प्रशासन ने बैंक प्रशासन से शिकायत दर्ज कराई। इस पर बैंक ने 15 दिन के अंदर फंड वापस करने का आश्वासन दिया है। हालांकि इस घटना को लेकर अस्पताल प्रशासन पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए है।

जागरुकता कैंप लगाने की दी थी परमिशन
निजी बैंक द्वारा मनमानी किए जाने के मामले में एसआरएन अस्पताल की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं। इस पर अस्पताल का कहना है कि हमने बैंक को केवल एनपीएस (नेशनल पेंशन स्कीम) के तहत जागरुक करने की परमिशन दी थी। उन्होंने नर्सों के खाते से एनपीएस फंड ट्रांसफर कर गलत किया है। उनको ऐसा नही करना चाहिए था। 12 सितंबर को बकायदा निजी बैंक के द्वारा अस्पताल परिसर में काउंटर लगाया गया था। दो सितंबर को बैंक द्वारा अस्पताल प्रशासन से जागरुकता कैंप लगाने की परमिशन मांगी गई थी।

एसएमएस आने पर उड़े होश
बताया जा रहा है कि निजी बैंक द्वारा जागरुकता कैंप में नर्सों को जागरुक करने के बजाय उनसे आधार लिंक नंबर और ओटीपी शेयर करने को कहा गया। इस पर उन्होंने इसकी जानकारी दी। इसके बाद नर्सों एनपीएस फंड एलआईसी में जाने की जगह निजी बैंक के एकाउंट में चला गया। नर्सों के मोबाइल फोन पर इसका मैसेज आया तो उनके होश उड़ गए। उन्होंने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए एमएलएन मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल वत्सला मिश्रा से इसकी शिकायत दर्ज कराई। सोर्सेज का कहना है कि दो दर्जन से अधिक नर्सों के साथ निजी बैंक ने इस तरह की मनमानी की है।

फंड यूज हुआ तो कौन होगा जिम्मेदार
बताया जा रहा है कि निजी बैंक ने लाखों रुपए का एनपीएस फंड अपने खाते में ट्रांसफर कराया है। फिलहाल बैंक की ओर से 15 दिन के भीतर इस पैसे को एलआईसी खाते में जमा कराने का आश्वासन भी दिया है। लेकिन इस बीच इस पैसे का क्या यूज होगा, इस पर किसी की नजर नही है। इसका फायदा नर्सों को भी नही मिलेगा। वर्तमान में इस मामले की लीपापोती की जा रही है। समझा बुझाकर नर्सों की नाराजगी को कम किया जा रहा है।

हमारी ओर से निजी बैंक के कर्मचारियों को केवल एनपीएस फंड के बारे में अवेयर करने की परमिशन दी गई थी। लेकिन उन्होंने कैंप के दौरान जो किया वह नही करना चाहिए था। बैंक को 15 दिन के भीतर फंड का पैसा एलआईसी के खाते में ट्रांसफर करने की हिदायत दी गई है।
डॉ। अजय कुमार सक्सेना
एसआईसी, एसआरएन अस्पताल