प्रयागराज (ब्यूरो)। बता दें कि सितंबर में जिले की प्रदेश में रैंकिंग 27वीं थी। इसके बाद अक्टूबर में यह घटकर 14वें नंबर पर पहुंच गई। नवंबर की रिपोर्ट शासन ने नही भेजी। लेकिन दिसंबर में प्रयागराज 75 जिलों में से छठवें स्थान पर पहुंच गया है। पहले तीन नंबरों पर महाराजगंज, मुजफ्फरपुर और गोरखपुर शामिल है।
इसलिए बॉटम पर रही रैंकिंग
हेल्थ रैंकिंग डैशबोर्ड में प्रयागराज को अच्छी रैंकिंग नही मिल पाने की वजह स्वास्थ्य विभाग कोविड बता रहा है। अधिकारियों का कहना है कि शासन की स्वास्थ्य योजनाओं के बेहतर संचालन करने पर रैंकिंग में सुधार आता है। लेकिन लगातार कोरोना संक्रमण के चलते पूरा विभाग आपदा प्रबंधन में व्यस्त है। ऐसे में तमाम योजनाओं पर ध्यान नही दिया जा पा रहा है।
इनमें जताई थी नाराजगी
पिछले जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में प्रशासन की ओर से विभिन्न योजनओं के कार्यान्वयन में कमियों को देखते हुए आपत्ति जताई गई थी। इनमें गर्भवती पंजीकरण और जननी सुरक्षा योजना को चिंता व्यक्त की गई थी। बताया गया था कि लक्ष्य के मुताबिक महिलाएं पंजीकृत नही हो रही हैं। साथ ही जेएसवाई में लाभार्थी भुगतान में भी कमी पाई गई थी। रूटीन इम्युनाइजेशन और फैमिली प्लानिंग योजना की प्रगति भी ठीक नही मिली थी।
इन बिंदुओं पर होती है रैंकिंग
गर्भवती पंजीकरण
गृह आधारित नवजात देखभाल
गर्भवती जांच
टीबी नोटिफिकेशन समेत 15 संकेतकों पर अच्छा कार्य करने लिए रैंक निर्धारित होती है।
रैंकिंग में स्टिल बर्थ, रेशियो, पैंटावैलेंट, बीसीजी रेशियो, हीमोग्लोबिन जांच, आशा भुगतान, परिवार नियोजन जैसे बिंदु भी आते हैं।
रैंकिंग में टॉप टेन जिले
महाराजगंज
मुजफ्फरपुर
गोरखपुर
शामली
गोंडा
प्रयागराज
बाराबंकी
अमेठी
हापुड़
झांसी
सितंबर के मुकाबले हमारी रैंक में काफी सुधार हुआ है। हमने 27 से चलकर टॉप टेन में जगह बनाई है। उम्मीद है कि जल्द ही प्रयागराज टॉप थ्री में नजर आएगा। योजनाओं पर ध्यान दिया जा रहा है।
विनोद कुमार सिंह,
डिस्ट्रिक्ट प्रोजेक्ट मैनेजर, एनएचएम प्रयागराज
इस समय पूरा फोकस कोरोना की रोकथाम और वैक्सीनेशन पर है। बाकी योजनाओं पर भी ध्यान दिया जा रहा है। जिसका असर दिखने लगा है। प्रयागराज बड़ा जिला है और यहां का टारगेट भी सबसे ज्यादा है।
डॉ। नानक सरन
सीएमओ प्रयागराज