इमामबाड़ों में हुई फातेहाख्वानी व मजलिस

-लोगों ने ताबूत व अलम पर फूल-माला चढ़ा कर बोसा लिया

जागरण संवाददाता, प्रयागराज : कर्बला के शहीदों की याद में निकलने वाला तीजे का जुलूस कोरोना संक्रमण के कारण अबकी नहीं निकला। कर्नलगंज स्थित जुल्फेकार हैदर के अजाखाने में रविवार को मजलिस हुई। मौलाना रजी हैदर ने इराक के कर्बला में नवासा ए रसूल की राहे हक और इंसानियत की बका के लिए दी गई अजीमुश्शान कुर्बानी का जिक्र किया। मजलिस के बाद शबीहे ताबूत इमाम हुसैन व गाजी अब्बास का अलम निकाला गया। लोगों ने ताबूत व अलम पर फूल-माला चढ़ा कर बोसा लिया। अंजुमन अब्बासिया के नौहाख्वान डॉ। अबरार, फैज जाफरी, हुसैन अब्बास मोनू, सादिक ने नौहा पढ़ा।

वहीं, शाहगंज बरनतला में जावेद आब्दी के अजाखाने पर हुई मजलिस में शहंशाह हुसैन सोनवी की सोजख्वानी व मौलाना सै। जौहर अब्बास ने मजलिस को खेताब किया। इसके बाद मजलिस इमाम हुसैन की सात वर्षीय बेटी जनाबे सकीना का फूलों से सजा ताबूत व अलम मुबारक की जियारत कराई गई। अंजुमन गुंचा ए कासिमया बख्शी बाजार के नौहाख्वानों शादाब जमन, अस्करी अब्बास, शबीह अब्बास, अखलाक रजा, यासिर जैदी, जहीर अब्बास, कामरान रिजवी, ऐजाज नकवी, अली रजा रिजवी, अकबर रिजवी, हैदर रिजवी ने शायर तालिब इलाहाबादी व शायर जमीर भोपतपुरी का लिखा नौहा पढ़ा। दरियाबाद के पठनवल्ली में इमामबाड़ा नवाब बेगम बड़ा घर में मरहूम आगा मो। सिबतैन के इसाले सवाब को हुई। अंजुमन गुंचा ए कासिमया के प्रवक्ता सै। मो। अस्करी ने बताया कि इमाम हुसैन के तीजे के अवसर पर कहीं भी जुलूस नहीं निकला।