प्रयागराज (ब्यूरो)। अटाला में हुए पथराव व आगजनी एवं तोडफ़ोड़ की घटना के बाद हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग में सीएम योगी आदित्यनाथ ने अफसरों को कड़ी फटकार लगाई है। शायद इसी फटकार का परिणाम है कि अधिकारी कार्रवाई को लेकर एग्रेसिव हो गए हैं। दस जून को यह बवाल जुमे की नमाज के बाद हुआ था। सोमवार को चौथे दिन तक पुलिस द्वारा इस मामले में 92 लोग गिरफ्तार करके जेल भेजे जा चुके हैं। इनमें पुलिस द्वारा बवाल के मास्टर माइंड कहे जा रहे जावेद पम्प व अटाला बड़ी मस्जिद के पेश इमाम अहमद अली भी शामिल हैं। पुलिस विभाग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सोमवार को पेश इमाम व जावेद पम्प के मोबाइल को जांच के लिए लैब भेजा गया है। इसके पूर्व भी 50 से अधिक मोबाइल गहन व टेक्निकल जांच के लिए लैब भेजे गए हैं।
पुराने मैसेज होंगे रीकवर
लैब में एक्सपर्ट द्वारा इन सभी मोबाइल में मौजूद व डिलीट किए गए मैसेज एवं वीडियो को रिकवर करके जांच की जाएगी। कहा जा रहा है कि पुलिस को शक है कि इन सभी के मोबाइल में आपत्तिजनक चीजें मिल सकती हैं। इनमें दंगा के लिए चलाए गए मैसेज या वीडियो अथवा कुछ बातें भी सामने आ सकती हैं। यदि ऐसा हुआ और पुलिस का शक सही निकला तो जिसके भी मोबाइल में ऐसी चीजें होंगी उन पर और कड़ी कार्रवाई हो सकती है। अधिकारियों का दावा है कि जेल भेजने से पहले प्राप्त सीसीटीवी कैमरे के फुटेज व सोसल मीडिया के वीडियो से सभी की पहचान की गई है। मतलब यह कि पुलिस के मुताबिक जेल भेजे गए सभी लोग पथराव व दंगे में शामिल थे, यह बात उनके पास मौजूद वीडियो व फुटेज से साबित है। कुछ प्राइम सस्पेक्टेड अभियुक्तों की कॉल डिटेल भी पुलिस द्वारा निकाली जा रही है। हालांकि ऐसे कितने अभियुक्त हैं जिनकी कॉल डिटेल निकाली जा रही पुलिस के अफसर इस प्वाइंट पर मुंह खोलने से कतरा रहे हैं।
कुछ लोगों के मोबाइल जांच के लिए लैब भेजे गए हैं। अब कितने हैं यह बात हमें भी नहीं मालूम है। यह सारी कार्रवाई शीर्ष अफसरों के द्वारा की जा रही है। इक्जैक्ट चीजें वही ही बता सकते हैं।
सतीशचंद्र
एसपी क्राइम