प्रयागराज (ब्यूरो)। इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन ने मंगलवार को पत्र जारी कर दिल्ली में रेजीडेँट डॉक्टर्स के साथ पुलिस की हाथापाई और महिला डॉक्टर्स के साथ बदसलूकी की घोर भत्र्सना और निंदा की है। उन्होंने कहा कि नीट पीजी दाखिले में अनिश्चित विलंब के विरोध में संगठन पूरी तरह से फेडरेशन आफ रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के समर्थन में खड़ा है। पीजी एडमिशन में देरी से अस्पताल गंभीर रूप से प्रभावित हो रहे हैं। वह भी ऐसे समय जब कोरोना की तीसरी लहर ओमिक्रॉन वायरस के रूप में दरवाजे पर दस्तक दे रही है। कोविड की दूसरी लहर के बाद जिन डॉक्टर्स पर फूलों की वर्षा की गई उनके साथ पुलिस का ऐसा व्यवहार निंदनीय है। एएमए के अध्यक्ष डॉ। सुजीत कुमार सिंह ने कहा कि आईएमए के राष्ट्रीय पदाधिकारी बुधवार को दिल्ली में जूनियर डॉक्टर्स के साथ मांगों के समर्थन में धरना देंगे और मिलकर आगे की रणनीति तय करेंगे। सरकार द्वारा कोई सकारात्मक पहल नही की गई तो आगे विरोध की रणनीति तय की जाएगी।
टल गए ऑपरेशन, सुस्त रही ओपीडी
मंगलवार को भी जूनियर डॉक्टर्स द्वारा पूरी तरह कार्य बहिष्कार करने से मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। ओटी में कई आपरेशन मजबूरी में टाल दिए गए। जिन मरीजों को डेट दी गई थी उनको बाद में आने को कहा गया है। क्योंकि जूनियर डॉक्टर्स की उपस्थिति नही होने से ओटी में काम करना मुश्किल हो रहा है। इसके अलावा ओपीडी में भी सुस्ती पसरी रही। सीनियर रेजीडेंट द्वारा मरीजों को देखने का कार्य किया गया। लेकिन इससे कई मरीजों को इलाज नही मिल सका। वार्डों में भी भर्ती मरीजों को समय से चिकित्सा सुविधा नही मिली। जूनियर डॉक्टर्स के नही होने से मरीज सीनियर डॉक्टर्स का सुबह से शाम तक इंतजार करते रहे।
जूनियर डॉक्टर्स के पूर्ण कार्य बहिष्कार से दिक्कत हो रही है। सीनियर्स को ओपीडी में मरीजों को देखने के लिए कहा गया है। आपरेशन भी कराए जा रहे हैं। उम्मीद है कि जल्द ही जेआर काम पर लौट जाएंगे।
प्रो। एसपी सिंह, प्रिंसिपल, एमएलएन मेडिकल कॉलेज प्रयागराज