प्रयागराज ब्यूरो । इलाहाबाद यूनिवर्सिटी द्वारा चलाए जा रहे कब्जा हटाओ अभियान गुरूवार को पूरा हो गया है। इस दौरान एसआरके, एसएसएल और हॉल लैंड में बारी-बारी से छापेमारी की गई। जिसमे सबसे अधिक एसआरके छात्रावास के कुल 46, एसएसएल के 4 कमरों को खाली करा उन्हें प्रशासन द्वारा सील किया गया। वहीं हॉलैंड हाल छात्रावास में एक भी अवैध अंत:वासी न होने की पुष्टी इलाहाबाद यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा की गई। अब तक यह पहला ऐसा छात्रावास है जिसमे एक भी अवैध अंत:वासी नहीं पाया गया।
छात्रों में मची खलबली
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी प्रशासन पुलिस बल के साथ कब्जा हटाने के लिए सुबह 11 बजे पहुंचा। प्रशासन के पहुंचते ही वहां मौजूद छात्रों में खलबली मच गई। पुलिस के जवान और यूनिवर्सिटी प्रशासन के गार्डों ने छात्रावास के प्रांगण को ऐसे घेर रखा था। मानो वो छात्रावास का प्रांगण नहीं बल्कि किसी सेना की छावनी जैसा प्रतीत हो रहा था। जहां पर छात्रों से पुलिस और यूनिवर्सिटी प्रशासन के गार्ड दिख रहे थे। एसआरके छात्रावास के 46 कमरों से कब्जा हटा प्रशासन द्वारा ताला लगाया। दोपहर के करीब डेढ बज रहे होंगे जब यूनिवर्सिटी प्रशासन एसएसएल छात्रावास में कब्जा हटाने पहुंचा। कब्जा हटाने के दौरान छात्रों और प्रशासन के बीच थोड़ा तना तनी भी हुई। मगर यूनिवर्सिटी प्रशासन के गार्ड और पुलिस के जवानों की संख्या अधिक होने के चलते छात्रों ने इस प्रक्रिया में पूरा सहयोग किया। इस सारी प्रक्रिया की यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा वीडियों रिकॉर्डिंग कराई गई। इसी के साथ वैध छात्रों से कुबूलनामा पढ़ वाया गया। की अगर उनके अलावा अन्य कोई भी व्यक्ति या छात्र उनके कमरे में पाया जाएगा तो इसकी जिम्मेदारी खुद छात्रों की होंगी।
सफल रहा कब्जा हटाओ अभियान
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा चलाया जा रहा कब्जा हटाओ अभियान पूर्णता सफल रहा। हर छात्रावासों में से अवैध कब्जे को हटाया जा चुका है। यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा कब्जा हटाओ अभियान सोमवार को शुरू किया गया था। इस अभियान के तहत सारे एक एक छात्रावासों की अधीक्षकों के द्वारा बहुत ही गहनता से जाँच की गई। जिसमे सबसे ज्यादा अवैध अंत:वासी ताराचंद और फिर उसके बाद एसआरके छात्रावास में पाये गये। इस अभियान की शुरूआत ताराचंद छात्रावास से की गई थी जिसमे कुल 300 कमरों में से 245 कमरों को सील कर कब्जा हटाया गया था। वहीं गुरूवार को अभियान के दौरान एसआरके छात्रावास के 46 कमरों को सील कर उनमे से कब्जा हटाया गया।
कमरा किसी और का रह रहा था दूसरा
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी का एसआरके छात्रावास अवैध अंत:वासीयों का गढ बन चुका था। हद तो तब हो गई जब कमरा किसी और का रह कोई और रहा था। सबसे अधिक संदिग्ध छात्रावास का कमरा नं047 रहा। जांच के दौरान छात्रावास का यह कमरा बंद मिला। यह कमरा सत्येंद्र सिंह के नाम एलॉट था। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इसका ताला तोड़ जब कमरे के भीतर प्रवेश किया तो उसमे सारा सामान किसी आलोक नाम के छात्र का मिला। यह सीधा सीधा छात्रावास के वार्डेन, अधीक्षक और तमाम कर्मचारियों पर सवालिया निशान खड़ा करता है। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी प्रशासन की टीम जब कमरों की जाँच कर रही थी। कमरा छोडऩा न पड़े इसके लिए कई सारे छात्र कमरा में ताला लगा बाहर चले गये थे। मगर एयू प्रशासन ने उनका ताला तोड़ सारा सामान बाहर फेंक दिया। कहने को तो छात्रावासों में छात्रों को खाना बनाने की अनुमति नहीं है। मगर एसआरके छात्रावास के कई कमरों में गैस और चूल्हे मिले। यहां तक तो भी ठीक था मगर पढऩे वाले छात्र के कमरे से मरकरी लाइट का मिलना अधीक्षक और वहां के कर्मचारी पर सवालिया निशान खड़ा करते है। जो की यूनिवर्सिटी की छवि को धूमिल करने का काम कर रही है।