प्रयागराज (ब्यूरो)। अमृता यूनिवर्सिटी के सहयोग से आयोजित आईआईटी में हिस्सा लेने वाले स्टूडेंट समय रहते सेंटर्स पर पहुंच गए थे। यह एग्जाम क्लास 5 से 12वीं तक के स्टूडेंट के लिए कराया गया था। अपने आठवें सीजन में हमने कोरोना का प्रभाव कम होते देख आफ लाइन मोड में एग्जाम कराने का निर्णय लिया था। सभी सेंटर्स पर कोविड प्रोटोकाल का पूरा पालन कराया गया था। स्टूडेंट्स के बीच उचित दूरी का पालन कराया गया।
दो घंटे में हुई परीक्षा
जिस स्कूल से स्टूडेंट्स ने रजिस्ट्रेशन कराया था उन्होंने वहां से एडमिट कार्ड कलेक्ट किया था। उनको टेस्ट पेपर और ओएमआर शीट प्रदान की गई थी। इसे एग्जाम के बाद वापस ले लिया गया। क्वेश्चन पेपर को दो पार्ट में डिवाइड किया गया था। पहले पार्ट में स्टूडेंट्स को मल्टीपल इंटेलिजेंस क्वेश्चन पेपर को हल करना था। इसमें चालीस सवालों के जवाब उन्हे तीस मिनट में देने पड़े। सेकंड नंबर पर स्कॉलिस्टिक एप्टिट््यूड टेस्ट में स्टूडेंट्स को 60 सवालों के जवाब 90 मिनट में देने थे। स्टूडेंट ने पूरे उत्साह के साथ एग्जाम में पार्टिसिपेट किया। उनको बता दिया गया था कि ईमानदारी से एग्जाम देने से रिजल्ट में उनको अपना करियर का पूरा मार्गदर्शन मिल जाएगा.एग्जाम के दौरान नकल रोकने के पुख्ता इंतजाम किए गए थे।
इन्होंने दिया एग्जाम
कम्पिटिशन बहुत अधिक है। पता ही नहीं
चलता कि किस दिशा में तैयारी की जाए। इस एग्जाम के जरिए हमें पता चल जाएगा कि भविष्य में हमारा करियर क्या हो सकता है।
पायल सिंह, क्लास 8, माधव ज्ञान केंद्र
एग्जाम के पेपर काफी जबरदस्त थे। क्वेश्चन बहुत कठिन नही थे लेकिन उनके पीछे कोई न कोई लॉजिक छिपा हुआ था। मैंने कोशिश की है कि बेहतर एग्जाम हो और रिजल्ट का फायदा मिले।
भास्कर पांडेय, क्लास 11, माधव ज्ञान केंद्र
दैनिक जागरण आई- नेक्स्ट का थैंक्स है कि इतना बढिय़ा एग्जाम कंडक्ट कराया। इसके जरिए सभी को अपने करियर के बारे में पता चलेगा। वरना स्टूडेँट तय ही नहीं
कर पाते कि उन्हें भविष्य में क्या करना है।
शालिनी सिंह, माधव ज्ञान केंद्र
ऐसे एग्जाम निश्चित गैप के बीच होते रहने चाहिए। जिसकी उपयोगिता स्टूडेंट लाइफ में बहुत अधिक है। लोगों को समझना होगा कि किस दिशा में मेहनत करनी है। हमारा करियर किस ओर बनेगा।
श्रेया सिंह, माधव ज्ञान केंद्र
प्रतियोगिता के दौर में सबको अपना करियर बनाने की चिंता होती है। ऐसे में दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट ने आईआईटी का आयोजन कर स्टूडेंट की चिंता को काफी कम कर दिया है।
माही सिंह, क्लास 7, रानी रेवती देवी विद्या निकेतन इंटर कॉलेज
अब वह समय नही रहा कि कॉमन पढ़ाई करने के बाद तय किया जाए किया जाए कि हमे किस ओर जाना है। अब पहले से गोल सेट करना होता है जिसके लिए आईआईटी बेहतर विकल्प है।