प्रयागराज ब्यूरो । आरोपित युवक ने कहा, वह अपराधी नहीं, आईजी मातहत कर्मियों को करते हैं परेशान
प्रयागराज। रेलवे के आईजी अखिलेश चंद्रा ने एक युवक के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में केस दर्ज कराया है। आरोप है कि गाजीपुर के रहने वाले शख्स ने आईजी को धमकी दी है। पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। युवक की तलाश की जा रही है। उम्मीद है कि आईजी का मामला होने की वजह से जल्द ही आरोपित युवक की गिरफ्तारी हो जाएगी। वहीं दूसरी ओर धमकी देने युवक का आरोप है कि आईजी उसके मामा को परेशान करते हैं। इसकी कई बार शिकायत रेलवे से लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय तक की जा चुकी है। मगर कार्रवाई नहीं हुई। इसलिए आईजी को धमकी दी है। युवक ने कहा वह अपराधी नहीं है। वह जानता है कि केस दर्ज होगा। इसलिए उसने अपना मोबाइल भी बंद नहीं किया।
व्हाट़्स एप पर दी धमकी
रेलवे के केंद्रीय रेल विद्युतिकरण संगठन में तैनात आईजी अखिलेश चंद्रा ने सिविल लाइंस पुलिस को तहरीर देकर आरोप लगाया कि 27 जुलाई की रात आठ बजे उनके व्हाट्स अप पर तीन धमकी भरे मैसेज भेजे गए। धमकी देने वाले ने खुद को गाजीपुर का अध्यक्ष बताया है। आईजी ने व्हाट्स अप चैट का प्रिंट सिविल लाइंस पुलिस को उपलब्ध कराया है। पुलिस ने तहरीर के आधार पर केस दर्ज कर लिया है। इंस्पेक्टर भानु प्रताप का कहना है कि तहरीर के आधार पर केस दर्ज कर लिया गया है। धमकी देने वाले का पता लगाया जा रहा है। जल्द गिरफ्तारी की जाएगी।
मामा को करते हैं परेशान
आईजी अखिलेश चंद्रा ने तहरीर में 9555684873 नंबर से धमकी दिए जाने का केस दर्ज कराया है। मामले में जानकारी के लिए आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने जब इस नंबर पर फोन किया तो मामला ये पता चला।
फोन रीसिव करने वाले ने खुद को गाजीपुर का रहने वाला डिस्ट्रिक प्रेसीडेंट बताया। इसके बाद उसने बताया कि आईजी अखिलेश चंद्रा अपने मातहत कर्मचारियों को परेशान करते हैं। उनके साथ बुरा सुलूक करते हैं। इसकी शिकायत रेलवे से लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय तक की जा चुकी है। इसके बाद भी आईजी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई। इस पर उसने खुद आईजी को फोन किया। आईजी ने फोन काट दिया। कई बार प्रयास के बाद भी जब आईजी ने फोन रीसिव नहीं किया तो उसने व्हाट्स अप पर अपना परिचय देते हुए मैसेज किया। युवक ने आरोप लगाया कि आईजी के मातहत कर्मचारियों में उसके मामा भी शामिल हैं। मामा ने जब उससे आईजी के बारे में सारी बात बताई तो उसने आईजी से बात करके समस्या का समाधान करने का प्रयास किया। युवक ने कहा कि वह जन प्रतिनिधि है। उसका दायित्व बनता है कि वह लोगों की समस्या का समाधान करे।
डरने वाला नहीं हूं, हाईकोर्ट तक लड़ूंगा
जब रिपोर्टर ने युवक से पूछा कि मामला आईजी का है तो युवक ने कहा कि जब पुलिस जांच करेगी तो पुलिस को भी सारा मामला पता चलेगा। यदि इसके बाद भी पुलिस जबरदस्ती कार्रवाई करेगी तो वह आईजी के खिलाफ हाईकोर्ट तक मुकदमा लड़ेगा। आखिर कहीं तो न्याय मिलेगा।
नहीं बताया अपना और मामा का नाम
युवक ने कहा कि उसे पता है कि आईजी उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करा सकते हैं। पुलिस उसे जेल भेज सकती है। मगर वह गलत नहीं कर रहा। इसलिए आईजी को मैसेज भेजने के बाद भी अपना मोबाइल स्विच ऑफ नहीं किया। उसके पास शिकायती पत्र की कॉपी और तमाम वीडियो है। आईनेक्स्ट रिपोर्टर ने युवक से उसका नाम पूछा लेकिन युवक ने न तो अपना नाम बताया और न ही अपने मामा का नाम बताया। युवक ने कहा कि पुलिस जांच करेगी तो सब कुछ खुद ही सामने आ जाएगा। वह चाहता है कि पुलिस पूरे मामले की जांच करे।