प्रयागराज ब्यूरो । फर्ज करिए आपके पास सोना है और आपको पैसे की जरूरत है। तीन साल पहले आपने जिस ज्वैलर से यह सोना खरीदा था उसके पास वापस करने पहुंचे। लेकिन ज्वैलर ने उसे वापस लेने से मना कर दिया। तब आपके दिल पर क्या बीतेगी? जी हां, ऐसा किसी के साथ भी हो सकता है। क्योंकि अगर आपको ज्वैलर को गहना वापस बेचना है तो नियमानुसार इसे टंच कराना होगा। इसके लिए निर्धारित फीस भी अदा करनी होगी। इसके बाद ही गहने के बदले पैसे मिलेंगे। इस नए नियम को लेकर पब्लिक में खलबली मची है।

दोनों तरफ से देनी होगी शुद्धता की गारंटी

अभी तक यह नियम केवल ज्वैलर्स के लिए था कि वह गहना बेचने से पहले सोने को टंच कराकर उसकी हालमार्र्किग कराएंगे। बदले में जो यूनिक आईडी नंबर मिलेगा वही गहने की पहचान होगी। अब यही नियम पब्लिक पर भी लागू कर दिया गया है। अगर पब्लिक गहना वापस बेचना चाहती है तो उसे भी पहले गहने को गलवाना होगा, फिर उसे टंच कराकर उसकी प्योरिटी परखनी होगी। इसके बाद ही गहना वापस ज्वैलर को बेचा जाएगा।

गहने की शुद्धता को प्रमाणित करना जरूरी

अभी तक सोने की हालमार्किंग का कोई नियम नही था। सोने का व्यापार केवल मुंह जुबानी चलता था। ज्वैलर जो कहता था उसे जनता स्वीकार करती थी। लेकिन अक्सर यह सामने आता था कि 22 कैरेट सोना जांचने पर 18 कैरेट मिलता था। ऐसे में लोगों को दिक्तत होती थी। इसलिए यह नियम पब्लिक के लिहाज से सही है। उन्हें पता चल जाएगा कि उनके गहने की कीमत और शुद्धता क्या है। हालांकि अगर सोना कम कैरेट का निकला तो संबंधित ग्राहक को नुकसान भी हो सकता है।

अचानक बेचना हो गया मुश्किल

बहुत से लोग ऐसे हैं जो एक्सीडेंट, शादी या बीमारी को लेकर अचानक सोना बेचने का प्लान बनाते हैं। यह नियम उनके लिए दिक्कत भरा हो सकता है। क्योंकि अब तत्काल सोना बेचना आसान नही होगा। इसके पहले उसे टंच कराना होगा। इतना ही नही, टंच कराने का चार्ज भी हालमार्किंग सेंटर को देना होगा। इसका चार्ज सौ रुपए तक वसूला जाता है। सोने को गलवाने में भी पैसा खर्च करना होगा। कुल मिलाकर अपना ही सोना ज्वैलर को बेचने में एक्स्ट्रा पैसा खर्च करना पड़ सकता है। बता दें कि हाल ही में केंद्र सरकार ने नकली सोने की बिक्री पर रोक लगाने के लिए कड़ा नियम बनाया था। जिसके तहत वही सोना बेचा जा सकेगा, जिसका छह डिजिट का यूनिक आईडी नंबर उपलब्ध होगा।

यह नियम सही है लेकिन जनता को इससे परेशान होना पड़ सकता है। अब उन्हें भी हालमार्किंग सेंटर के चक्कर लगाने होंगे। इससे यह पता चलेगा कि उनके पास मौजूद सोने की असलियत क्या है। जिससे उनको सोने का सही दाम मिल जाएगा।

दिनेश सिंह, अध्यक्ष, ज्वैलर्स एसोसिएशन प्रयागराज

सरकार जो भी नियम बना रही है उससे ज्वैलर्स और जनता को थोडी परेशानी है लेकिन इसके फायदे भी हैं। सोने के बिजनेस में कालाबाजारी और धोखेबाजी खत्म हो जाएगी। जनता को भी पता चलेगा कि उन के पास मौजूद सोना किस क्वालिटी का है।

अमन यादव, ज्वैलर्स