ALLAHABAD: जिले में संचालित मदरसों को एक और अग्निपरीक्षा से गुजरना पड़ रहा है। उप्र सरकार ने पहले मदरसा बोर्ड पोर्टल पर उनको अपलोड किए जाने के आदेश जारी किए थे। अभी तक यह काम ठीक से हो भी नहीं पाया कि अब मदरसों से अपलोड की गई जानकारी से जुड़े प्रमाणित अभिलेख की हार्डकॉपी भी जमा कराए जाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। इनके टीचर्स को अपनी मार्कशीट को प्रमाणित करके भी जमा कराना होगा। इससे हड़कंप मचा हुआ है। अभी तक महज चार दर्जन मदरसों ने ही अपने प्रमाणित अभिलेख जमा कराए हैं।
कई मदरसों में लटक जाएगा ताला
इस नए नियम ने मदरसा संचालकों के होश उड़ा दिए हैं। बमुश्किल उन्होंने बनाया गया पैटर्न फॉलो करते हुए पोर्टल पर मदरसों की जानकारी अपलोड कराई। अब उन्हें अपलोड की गई जानकारी से जुड़े अभिलेख भी जमा कराने होंगे, अन्यथा मदरसों का भविष्य संकट में पड़ सकता है। एग्जाम्पल के तौर पर अगर मदरसा टीचर ने अपनी एजुकेशन इंटर या ग्रेजुएशन लिखी है तो इसकी मार्कशीट भी प्रमाणिक कराकर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के यहां जमा करानी होगी।
15 अक्टूबर से पहले जमा कराएं
ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड और अभिलेख जमा कराने की अंतिम तिथि 15 अक्टूबर निर्धारित की गई है। शासन ने यह तिथि बढ़ाकर ही जारी की है। इसलिए मदरसा संचालकों को अगला मौका मिलना मुश्किल ही माना जा रहा है। बता दें कि जिले में आधुनिकीकरण योजना के तहत कुल 160 मदरसे (43 अनुदानित मदरसे भी शामिल) हैं। इन पर शासन व प्रशासन का अधिक फोकस है। यह सभी पोर्टल पर अपलोड तो हो गए हैं लेकिन अभिलेख जमा कराने में पीछे रह गए हैं।
फैक्ट फाइल
जिले में कुल मदरसे- 330
पोर्टल पर रजिस्टर्ड- 267
पोर्टल पर लॉक- 229
कुल अनुदानित मदरसे- 43
प्रमाणित अभिलेख जमा कराने वाले मदरसे- 48
अपलोडिंग की अंतिम तिथि- 15 अक्टूबर
जो मदरसे ऑनलाइन अपलोड हो गए हैं, उनके संचालकों को संबंधित प्रमाणित अभिलेख भी जमा कराने होंगे। ऐसा नही करने पर अंतिम तिथि होने के बाद उनको लॉक नही माना जाएगा। इससे उनका भविष्य खतरे में पड़ सकता है।
-शिव प्रकाश तिवारी, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, इलाहाबाद