प्रयागराज (ब्यूरो)। जबसे शहर के चौराहों पर वाहनों का ऑनलाइन चालान होने लगा है, इससे बचने के लिए नए नए उपाय भी आजमाए जाने लगे हैं। लोग अपने वाहनों के नंबर प्लेट से खिलवाड़ कर खुलेआम कानून का उल्लंघन कर रहे हैं। जिसके विरुद्ध ट्रैफिक पुलिस के द्वारा धर पकड़ भी नही की जा रही है। मंगलवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने इसकी पड़ताल की तो हकीकत सामने आ गई। दर्जनों की गाडिय़ों की नंबर प्लेट खराब मिली।
हर जगह पकड़ी गई मनमानी
रिपोर्टर ने जब इसकी पड़ताल की तो सिविल लाइंस, इंदिरा भवन, रेलवे स्टेशन, बस स्टाप, नगर निगम, ममफोर्डगंज, तेलियरंगज, बेली और काल्विन अस्पताल, एसआरएन सहित तमाम एरिया में दर्जनों की संख्या में ऐसे वाहन मिले। जिनकी नंबर प्लेट से छेड़खानी की गई थी। इनमें अंतिम चार नंबर में से एक या दो नंबर को मिटाया गया था। कुछ गाडिय़ों में तो नंबर प्लेट ही नही मिली। यह गाडिय़ां सुबह से शाम तक ट्रैफिक रूल्स का उल्लंघन कर शहर में घूमती रहती हैं।
खुद पुलिस भी है बेबस
जब इस मामले में पुलिस ने बात की गई तो उन्होंने भी लाचारी जाहिर की। ट्रैफिक पुलिस का कहना था कि यह दस्तावेजी अपराध की श्रेणी में आता है और इसमें मुकदमा पंजीकृत करने का प्रावधान है। लेकिन चाहकर भी कुछ नही किया जा सकता है। पुलिस चौराहों पर ट्रैफिक मैनेजमेँट को संभालती है। अगर कोई सिग्नल जंप करता है तो सीसीटीवी कैमरे के जरिए उसका ऑनलाइन चालान कर दिया जाता है। लेकिन ऐसे वाहनों में जहां नंबर प्लेट के साथ खिलवाड़ किया गया है, उनका चालान भी करना नामुमकिन हो जाता है।
हाईसिक्योरिटी नंबर प्लेट कहां गई?
इस दौरान हमने पाया की हजारों वाहन शहर मं ऐसे भी हैं जहां अभी तक हाई सिक्योरिटी ंनबर प्लेट नही लगवाई गई है। हर पांचवें वाहन पर पुरानी स्टाइल की नंबर प्लेट लगी है और उसमें भी छेड़छाड़ की गई है। यानी एक साथ दो अपराध किए जा रहे हैं। फिर भी कार्रवाई नही होने से करने वालों को बल मिल रहा है और ऐसे वाहनों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है।
अगर ऐसे वाहनों को ट्रैफिक पुलिस पकड़ती है तो पांच हजार रुपए का जुर्माना किया जाता है। अगर कोई चाहे तो थाने में दस्तावेजी अपराध के तहत मुकदमा भी पंजीकृत कराया जा सकता है। ऐसे लोगों की धरपकड़ होने पर कड़ी कार्रवाई की जाती है।
पवन पांडेय, ट्रैफिक इंस्पेक्टर प्रयागराज