प्रयागराज (ब्यूरो)। केंद्र के 36 और राज्य के 190 कामर्शियल भवनों पर कुल मिलाकर 37 करोड़ से अधिक का हाउस टैक्स बकाया है। अधिकारी बताते हैं कि केंद्र सरकार के भवनों से वसूली में पसीना छूट रहा है। कई विभागों से वसूली के लिए निगम को कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाना पड़ा है। इसी तरह गेस्ट हाउस, होटल, स्कूल कॉलेज भी बड़े बकाएदारों में शामिल हैं। यह सब मिलकर नगर निगम के खजाने को चूना लगा रहे हैं।
कहां कितना है हाउस टैक्स बकाया
भवन भवन संख्या बकाया (रुपए में)
केंद्र सरकार 36 37503190
राज्य सरकार 190 335191792
संस्थागत भवन 30 68059474
गेस्ट हाउस 85 17832657
होटल 92 47453628
नर्सिंग होम 125 10387414
स्कूल कॉलेज 127 185934045
आरओ प्लांट 1 30020
कुल योग 686 702392220
सबसे बड़ा बकाएदार बना रेलवे
अधिकारी कहते हैं कि केंद्र सरकार के बकाएदारों में रेलवे नंबर वन है। इसके रेलगांव स्थित जीएम कार्यालय पर 3.72 करोड़ और नवास युसुफ रोड स्थित डिवीजनल सुपरिटेंडेंट आफिस पर 2.43 करोड़ का बकाया बाकी है। जबकि रीजनल वोकेशनल सेंटर पर 89.95 लाख का हाउस टैक्स लिया जाना है। एजी आफिस पर 2.22 करोड़ और पोस्ट आफिस पर 1.94 करोड़ा की वसूली बाकी है। हालांकि पोस्ट आफिस ने कुछ अदा करने का वादा किया है।
तैयार किया जा रहा है प्रपोजल
नगर निगम अब इन विभागों से हाउस टैक्स वसूलने का प्रपोजल तैयार कर रहा है। अभी तक 70 फीसदी टैक्स वसूला जा चुका है लेकिन 30 फीसदी बाकी है। इसमें से 26 करोड़ रुपए निगम फिजिबल मान रहा है। उनका कहना है कि इसकी वसूली संभव है लेकिन बाकी 44 करोड़ वसूलने के लिए जुगत लगानी पड़ेगी। बदलते इंफ्रास्ट्रक्चर में नगर निगम को इस पैसे की जरूरत है और उसने इन कामर्शियल भवनों से तगादा करना शुरू कर दिया है।
कामर्शियल भवनों पर 70 करोड़ से अधिक बाकी है। सभी के लिए प्रपोजल बनाया जा रहा है। इस पैसे से नगर निगम की माली हालत ठीक होगी। साथ ही पब्लिक के सहूलियतों में भी बढ़ोतरी होगी।
पीके द्विवेदी, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी नगर निगम प्रयागराज