प्रयागराज ब्यूरो । इलाहाबाद हाईकोर्ट के लिए सोमवार का दिन बेहद भावुक कर देने वाला रहा। मौका था चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर की विदाई का। चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर ने माइक थामा तो कुछ पल के लिए पूरा हाल पिन ड्राप साइलेंस हो गया। बेहद भावुक अंदाज में चीफ जस्टिस ने अपनी बात शुरू की। इलाहाबाद हाईकोर्ट में आने के बाद से सोमवार को अपनी विदाई के मौके तक को उन्होंने जिन भावुक शब्दों में पिरोया उसे सुनकर लगभग सभी भावुक हो गए।

यहां दो विभूतियां हैं प्रसिद्ध
चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर ने अपना एक संस्मरण सुनाते हुए कहा कि जब वह इलाहाबाद हाईकोर्ट आए तो उन्हें एक वरिष्ठ न्यायमूर्ति ने एक बताई। वरिष्ठ न्यायमूर्ति ने कहा कि वकालत और न्यायमूर्ति के क्षेत्र में यदि आपने इलाहाबाद नहीं देखा तो कुछ नहीं देखा। इलाहाबाद में दो विभूतियां प्रसिद्ध हैं। एक मां गंगा और दूसरे अधिवक्ता। न्याय के क्षेत्र में मुझे यहां जो अनुभव मिला उसे संभालकर रखना मेरी नैतिक जिम्मेदारी बनती है।

पूरे देश में ऐसी व्यवस्था कहीं नहीं
चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर ने सामने बैठे अधिवक्ताओं की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह जो इमारत तैयार हो रही है मेरा मानना है कि पूरे देश में अधिवक्ताओं के लिए इस तरह की व्यवस्था नहीं होगी। न्यायमूर्ति ने अपने विदाई समारोह के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के प्रति आभार जताया। विदाई समारोह की अध्यक्षता एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने किया। संचालन उपाध्यक्ष आशुतोष पांडेय और महासचिव नितिन शर्मा ने किया। कार्यक्रम में जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता, जस्टिस अंजनी कुमार मिश्रा, जस्टिस महेशचंद्र त्रिपाठी, जस्टिस विवेक कुमार बिरला, जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्रा, अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह एवं अन्य ने दीप प्रज्जवलित किया। संयुक्त सचिव प्रेस अमरेंदु सिंह ने बताया कि कार्यक्रम में वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमित के श्रीवास्तव, आशुतोष पांडेय, अशोक कुमार त्रिपाठी, अजय कुमार मिश्र, अरविंद कुमार श्रीवास्तव, स्वर्ण लता सुमन, सर्वेश कुमार दुबे, अजय सिंह, अंजना चतुर्वेदी, आशीष कुमार मिश्र, प्रीति द्विवेदी, सरिता सिंह, अभ्युदय त्रिपाठी, विनोद राय, अनिरुद्ध ओझा, गुलाब सिंह यादव आदि उपस्थित रहे।