प्रयागराज ब्यूरो । पूरे देश में एच3एन2 इन्फ्लूएंजा वायरस के केसेज बढ़ रहे हैं। यह भी एक प्रकार का इन्फ्लूएंजा है, लेकिन इससे मौत भी हो सकती है। इसलिए बेहतर होगा कि सर्दी, जुकाम और बुखार आदि होने पर इसे नजर अंदाज मत करें। तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें। अगर लक्षण लंबे समय तक ठीक नही होते तो एच3एन2 इन्फ्लूएंजा की जांच कराई जा सकती है। डॉक्टर्स का कहना है कि लोगों को होशियार रहना होगा, वरना वह भी संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं।
सीजन में आम हैं ऐसे लक्षण
सीजन में तेजी से बदलाव हो रहा है, ऐसे में लोगों में सर्दी, जुकाम और बुखार के लक्षण आसानी से देखे जा सकते हैं। बेली और एसआरएन अस्पताल की ओपीडी में रोजाना ऐसे मरीजों की संख्या 25 फीसदी से अधिक बताई जा रही है। लेकिन जब सांस लेने में दिक्कत होने लगे और उल्टी-दस्त शुरू हो जाए तो एलर्ट हो जाना चाहिए। ऐसे में सावधानी बरतना जरूरी हो जाता है।
इनके लिए घातक है वायरस
देश में एच3एन2 इन्फ्लूएंजा वायरस से दो लोगों की मौत हो चुकी है। 90 से अधिक केस सामने आ चुके हैं। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को एलर्ट जारी कर दिया है। डॉक्टर्स का कहना है कि एच3एन2 वायरस बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों समेत कोमोरबिड मरीजों को आसानी से चपेट में लेता है। कोमोरबिड का मतलब बीपी, डायबिटीज, अस्थमा, हार्ट, वीक इम्यून और न्यूरो के मरीजों से हैं। इन लोगों को वर्तमान में थोड़ा एलर्ट रहना होगा।
इन लक्षणों पर रखें नजर
खांसी, नाक बहना या बंद होना, गले खराश और दर्द, सिरदर्द, शरीर में दर्द, बुखार, ठंड लगना, थकान, दस्त, उल्टी और सांस फूलना या सांस लेने में दिक्कत होना।
खुद को बचाने के टिप्स
- सेल्फ हाइजीन को मैंटेन करें, यानी साफ-सफाई का ख्याल रखें।
- खाना खाने से पहले, चेहरा, नाक और मुंह को छूने से पहले हाथ धोएं
- जिन लोगों को कोई इन्फेक्शन है, उसके संपर्क में न आएं।
- पॉकेट में सैनिटाइजर रखें और जरूरत पडऩे पर इस्तेमाल करें।
- हेल्दी खाना खाएं, ज्यादा से फल और सब्जी को अपने डाइट में करें शामिल.सबसे जरूरी घर का ही खाना खाएं।
- स्ट्रीट फूड अवाइड करें। खुद को हाइड्रेट रखें, लिक्विड इनेटक बढ़ाएं, पानी पीते रहें।
लक्षण होने पर सबसे पहले ये करें
- पैरासिटामाल का उपयोग करें
- एंटी बायटिक लेने से बचें
- गुनगुने पानी में नमक डालकर गरारें करे
- मास्क या सैनिटाइजर का यूज करें
- पार्टी, मेला, उत्सव या भीृड़ वाली जगहों पर जाने से बचें
तब हो जाएं एलर्ट
- दो हफ्ते खासंी और कफ रह जाए
- आक्सीजन लेवल 93 से कम हो जाए
- सांस लेने में लगातार तकलीफ बनी रहे
अभी कोई पैनिक स्थिति नही है। ओपीडी में सीजनल संक्रमण के मरीज आ रहे हैं। अगर किसी को अधिक प्राब्लम है तो उसकी जांच कराई जाती है। फिलहाल लोगों को खुद से होशियार रहना होगा।
डॉ सुजीत कुमार, फिजीशियन, एसआरएन अस्पताल
25 फीसदी से अधिक मरीज ऐसे आ रहे हैं जिनको बुखार, जुकाम और खांसी के साथ शरीर में दर्द की शिकायत है। वह दवा से ठीक हो रहे हैं। अगर एच3एन2 वायरस का संदेह होगा तो उसकी अलग से जंाच होगी।
डॉ। मंसूर आलम, फिजीशियन बेली अस्पताल