दिल्ली से गिरफ्तार कर लाए गए फौजी से साढ़े नौ लाख की ठगी करने वाले शातिर
शिकायत के बाद एसपी क्राइम ने लगाई टीम तो पकड़े गए साइबर ठगी के मास्टर माइंड
PRAYAGRAJ: जिस लॉटरी को आप खरीदे ही नहीं या जो काम आप किए ही नहीं उसका ईनाम कैसे निकल सकता है? बस इतनी सी बात फौजी मणि प्रसाद पांडा समझ गए होते तो शायद साढ़े नौ लाख रुपये की ठगी बच गए होते। उनके द्वारा ठगी की शिकायत पर क्राइम ब्रांच की एक्टिव हो गई। दिल्ली से अजय कुमार जाटव उर्फ टेढ़ा व मान सिंह मीणा को गिरफ्तार करके प्रयाग लाए गए। अजय नई दिल्ली के साउथ ईस्ट, प्रहलादपुर थाना क्षेत्र के गली नंबर 21 और मान सिंह राजस्थान के करोली नंदौली का रहने वाला है। दोनों साइबर ठगी के मास्टर माइंड हैं। इनकी गैंग में दस से 11 लोगों शामिल हैं। प्रकाश में आए इन गुर्गो की तलाश भी टीम शुरू कर दी है।
इस तरह दिए थे झांसा
करीब चार साल पहले फौजी के पास अंजान नंबर से काल आई। एसपी क्राइम आशुतोष मिश्रा ने बताया कि साइबर शातिरों ने फौजी को बताया था कि उनके नाम से तीन करोड़ 35 लाख की लाटरी निकली है। पैसा रायल ऑफ स्काटलैंड बैंक से मिलेगा। विदेशी बैंक का झांसा देते हुए पहले फौजी से 98 हजार रुपये ठगे। फिर अलग-अलग प्रोसेस फीस के नाम पर एक साल में साढ़े नौ लाख रुपये ऐंठ लिए। शातिरों ने फौजी को यह भी बताया कि कस्टम अधिकारी पैसे को लेकर अड़चन पैदा कर रहे हैं। तब फौजी ने कस्टम अधिकारियों से मुलाकात की तो पता चला कि उनके साथ धोखाधड़ी की जा रही है। हालांकि तब तक वह साढ़े नौ लाख रुपये गवां चुके थे। इससे परेशान फौजी ने सितंबर 2018 में शिवकुटी थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमे की विवेचना क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर हुई। विवेचक इंस्पेक्टर अनिल कुमार सिंह व धाकेश्वर सिंह को जांच के दौरान कुछ सुराग मिले तो टीम दिल्ली पहुंच गई। वहां से दोनों आरोपितों को पकड़ लिया और कोर्ट में पेशकर ट्रांजिट रिमांड पर प्रयागराज लेकर आए।
लोगों को यह समझना चाहिए कि जिस काम को वह किए ही नहीं उसका इनाम उन्हें कैसे मिल सकता है। फौजी को यही बात समझ आई होती तो वह घटना के शिकार न होते। खैर शिकायत पर दिल्ली से उनके साथ ठगी करने वालों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
आशुतोष मिश्रा, एसपी क्राइम