प्रयागराज ब्यूरो । मां बनने का सपना पूरा नहीं हुआ तो एक युवती ने फांसी लगा लिया। शादी के कई साल हो गए। उसे मां सुनना बहुत पसंद था। मगर किस्मत हर बार दगा देती रही। कई बार गर्भपात हो गया। जिस पर मां बनने की उम्मीद खो बैठी। आरिखरकार उसने मौत को गले लगा लिया। पत्नी की मौत से पति का रो-रोकर बुरा हाल है।
नहीं पूरी हुई बेटे की चाहत
बेटे की चाह में ललिता रावत ने कई साल इंतजार किया। ललिता को लगता था कि उसकी सूनी गोद हरी न हुई तो ललिता को अपनी जिंदगी बेकार लगने लगी। वह निराश रहने लगीं तो पति ने समझाया। आसपास की महिलाओं ने भी ललिता को दिलासा दिया मगर ललिता ने जान देने की ठान ली। गोद का सूनापन ललिता को खलने लगा। आखिरकार सोमवार रात ललिता ने फांसी लगा ली। सुबह पति कविंद्र की नींद खुली तो ललिता की सांसें थम चुकी थीं।
कई बार हो गया गर्भपात
ललिता (29)और कवींद्र मोहन सिंह की शादी करीब नौ साल पहले हुई थी।
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के चमाली गांव के रहने कविंद्र फौज में कांस्टेबिल हैं। उनकी पत्नी शिवकुटी थाना क्षेत्र के ओल्ड कैण्ट मिलिट्री कालोनी में साथ रहती थीं। शादी के बाद ललिता को कई बार गर्भपात हो गया। जिससे वह मां नहीं बन सकीं। कवींद्र उनका इलाज भी करा रहे थे। मगर इलाज से कोई फायदा नहीं हो रहा था। सोमवार रात को पति पत्नी ने साथ भोजन किया। इसके बाद दोनों काफी देर तक बात करते रहे। इसके बाद कवींद्र सो गए। सुबह नींद खुली तो दूसरे कमरे में पत्नी फांसी के फंदे पर लटक रही थी। उनके होश उड़ गए। वह रोने चिल्लाने लगे। शोर सुनकर अड़ोस पड़ोस के लोग परिवार वाले आ गए। पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
फौजी की पत्नी को कई बार गर्भपात हुआ। जिससे वह परेशान थीं। रात में फांसी लगाकर फौजी की पत्नी ने आत्महत्या कर लिया।
अजीत सिंह, थाना प्रभारी शिवकुटी