प्रयागराज (ब्यूरो)।बारिश का मौसम आते ही सर्प दंश की घटनायें बढ़ जाती है। बरसात के समय सांपों के बिल में पानी भर जाने की वजह से सांप यहां-वहां अपना आवास आवासीय क्षेत्रों में विशेषकर ग्रामीण इलाकों के घरों में। लोगों के खलिहानों में बना लेते हैं। जहां पर निवास करने वाले लोगों को सांप के काटने का भय हमेशा बना रहता है। ऐसी अप्रिय स्थिति से बचने के लिये किसी भी कूड़ा करकट वाली जगह। खलिहान में। पशुशालाओं में एवं अनाज के ढेर में जाने से पहले सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
जान बचाएगी ये सावधानियां
किसी हालात में सांप काट ले तो पीडि़त व्यक्ति को धीरज दिलाएं। मरीज को स्थिर कर दें।
घाव को पानी से धोएं तथा घाव को साफ कपड़े से ढंक दें।
शरीर से घड़ी, कंगन, अंगूठी, पायल, चेन आदि उतार दें तथा कपड़े ढीले कर दें
मरीज को हिलने डुलने न दें। घाव के ऊपर व नीचे टूर्निकेट न लगाएं।
झाड़-फूंक के चक्कर में न पड़कर मरीज को तत्काल नजदीकी सरकारी अस्पताल ले जाएं। जहां पर विष-रोधी दवा उपलब्ध है।
अधिकांश मौतें डर, सदमा और गलत या देर से इलाज मिलने के कारण होती है।
अपने आस-पास कोई सांप देखें तो उसे न छेड़े, वो आपसे खुद ही दूरी बना लेगा
झाडिय़ों या फसलों में हाथ या पैर डालने से पहले लकड़ी या दण्डों से टटोल लें
रात में निकलते समय टॉर्च जरूर लें। घर के आस-पास साफ-सफाई रखें और चूहों को न रहने दें।
सांप चूहों से आकर्षित होते हैं। रास्तों व पगदण्डियों को गिरी हुई पत्तियों व घास-फूंस से मुक्त रखें।
जूते या चप्पल पहनकर काम करने की कोशिश करें। जमीन पर न सोएं मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।