प्रयागराज (ब्‍यूरो)। उन्होने कहा कि बैठक में जनपद के 50 निजी चिकित्सालय के संचालक, चिकित्सक व स्टाफ इस बात को स्पष्ट तौर पर समझ लें की परिवार नियोजन व परिवार कल्याण से जुड़ी स्वास्थ्य सेवाओं का डाटा विभाग सिर्फ इसलिए मांगा जा रहा है ताकि जो लोग निजी चिकित्सालयों में संबन्धित परिवार नियोजन से जुड़े स्वास्थ्य लाभ लिए हैं उसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग के पास दर्ज रहे। इससे ताकि परिवार नियोजन के विषय में पूर्ण जानकारी एकत्रित कर विभाग समुचित रिपोर्ट तैयार कर सके। पोर्टल पर रजिस्टर्ड सभी 51 चिकित्सालयों से प्राप्त हुई रिपोर्ट संतोषजनक नहीं है। यदि जनपद के सभी निजी चिकित्सालय ससमय पूरी व सही रिपोर्ट भेजना सुनिश्चित करेंगे तभी जनपद परिवार नियोजन की रैंकिंग में इजाफा करेगा।
दो माह पहले दिया था आदेश
डॉ रावेन्द्र ने कहा कि दो माह पूर्व भी सभी निजी अस्पताल को सूचित किए जाने के बावजूद वह अस्पताल आने वाले मरीजों का डेटा नहीं भर रहे हैं। यह रिपोर्ट भारत सरकार के पोर्टल हेल्थ मैनेजमेंट एंड इन्फॉर्मेशन सिस्टम (एचएमआईएस) और रिप्रोडक्टिव एंड चाइल्ड हेल्थ (आरसीएच) पर अंकित की जाती है। बैठक में जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ एके तिवारी ने कहा कि टीबी मरीजों को गोद लेने के लिए निजी चिकित्सालय आगे आएँ। कुछ अस्पतालों के चिकित्सकों व संचालकों ने टीबी मरीजों को गोद लिया है पर प्रत्येक माह उन्हें इनके माध्यम से पोषण किट प्राप्त नहीं हो रही है।