प्रयागराज (ब्यूरो)।थरवई एरिया में नाले के अंदर सफेद कपड़े में बंधी मिली महिला की मौत के मामले में सोमवार को नया मोड़ आ गया। उसकी बॉडी काफी पुरानी हो जाने से सिर्फ कंकाल ही बचे हुए थे। पहचान के अभाव में तीन दिन बाद उसकी उसकी बॉडी का पोस्टमार्टम हुआ। पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर भी मौत भी वजह स्पष्ट नहीं कर सके। ऐसी स्थिति में कारण जानने के लिए बिसरा प्रिजर्व कर दिया गया है। अब बिसरा रिपोर्ट आने के बाद ही उसकी मौत का कारण पता चल सकेगा। बरामद बॉडी की पुलिस के द्वारा मोबाइल से फोटो खीची गई थी। चौंकाने वाला तथ्य है कि इस तस्वीर में खोले गए कपड़े के अंदर गुलाब की पंखुडिय़ां मिली हैं। गुलाब की यह पंखुडिय़ां एकदम तरोताजा थीं। कपड़े में मिली गुलाब की पंखुडिय़ों को देखते उसकी मौत को लेकर कई सवाल सिर उठाने लगे हैं। बॉडी के साथ सफेद कपड़े में मिले गुलाब के फूल को लेकर पुलिस मान रही है कि उसकी हत्या नहीं हुई। स्वाभाविक मौत के बाद अंतिम संस्कार के वक्त परिजन कपड़े में बांधते समय गुलाब के फूल रखे होंगे। कुछ ऐसी ही आशंका जताते हुए पुलिस के जरिए वह तस्वीर पोस्टमार्टम हाउस में डॉक्टरों को भी दिखाई गई।
फूल से उठ रहे हैं कई सवाल
बरामद बॉडी यानी कपड़े में बंधे कंकाल के अंदर तस्वीर में दिखाई दे रहे गुलाब की इन पंखुडिय़ों से कई सवाल सिर उठा लिए हैं। यदि स्वाभाविक मौत के बाद गुलाब के फूल रखकर उसका अंतिम संस्कार किया गया तो कंकाल थरवई थाना क्षेत्र के मंसैता कटियाही डेरा गड़ाई नाला में कैसे पहुंचा। कोई भी व्यक्ति अपने किसी भी मृत परिजन की बॉडी को नाला में प्रवाहित नहीं करता। देखने वाली बात यह भी है कि बरामद बॉडी का सिर्फ कंकाल ही बचा हुआ था। मतलब यह कि बॉडी कम से कम एक हफ्ते से पंद्रह दिन की पुरानी थी। यदि पुलिस की बात मान ली जाय तो जिस प्रवाहित व्यक्ति की बॉडी का कंकाल बचा हो, उसके कपड़े में बांधे गए गुलाब के फूल और उसकी ज्यादातर पंखुडिय़ां ताजा कैसे बची हुई हैं। इतने दिनों में वह गुलाब भी के फूल व पंखुडिय़ों को भी सड़ जाना चाहिए था। यदि मान लिया जाय कि पानी में होने के कारण फूल खराब नहीं हुए, तो सवाल यह हैं कि क्या पानी में हफ्ता पंद्रह दिनों तक कोई फूल तरोताजा रह सकता है। हालांकि फूल का व्यापार करने वाले कुछ माली कि मानें तो कोई भी फूल इतने दिनों तक पानी में इतना तरोताजा नहीं रहता। वह भी गंगे पानी में तो फूल और भी जल्दी सड़ जाते हैं। यदि ऐसा है तो प्रश्न उठते हैं कि फिर उस कंकाल के कपड़े में गुलाब का फूल कहां से आया? अब यह बात भी पुलिस के लिए एक जांच का विषय बन गया है।
किसी तांत्रिक ने तो नहीं ली जान
पुलिस द्वारा दिखाई गई तस्वीर में दिखने वाले गुलाब के फूल से एक गंभीर सवाल लोगों के जेहन में उठ रहा है। ऐसा तो नहीं कि कोई उस महिला की हत्या करके कहीं घर अंदर गाड़ दिया हो। फंसने के भय से उसने कंकाल को निकालकर कपड़े में बांधा और उसे नाले में फेंक गया। यही वजह है कि बरामद कंकाल के साथ कपड़े में दिखाई देने वाले फूल ताजा रहे हों। शक यह भी जताया जा रहा कि कहीं जादू टोना या तंत्रमंत्र के चक्कर में तो किसी जान नहीं ली। कोई अंधविश्वासी सिद्धि के फेर में तो उसे नहीं मार दिया गया? हफ्ते पंद्रह दिनों तक वह सिद्धि के चक्कर में बॉडी रखे रहा और तब तक बॉडी सड़कर कंकाल हो गई हो और वह कंकाल को कपड़े में फूल रखने के बाद बांध कर फेल दिया हो। इसीलिए गुलाब के फूल ताजा दिखाई दे रहे हैं। खैर कुछ भी, महिला की मौत पर अब इस तरह की तमाम आशंकाएं उठने लगी हैं।
नाले में कंकाल को कपड़े से खोला गया तो उसमें गुलाब के फूल भी मिले थे। वह फूल पूरी तरह साबुत व सुरक्षित हैं। ऐसा लग रहा कि स्वाभाविक मौत के बाद परिजन उसका अंतिम संस्कार मंसैता नदी में किए रहे होंगे और बॉडी बहकर नाले में आ गई। पानी में होने से फूल डैमेज नहीं हुए होंगे और वह सुरक्षित हैं। पीएम रिपोर्ट आने के बाद स्थिति क्लियर हो जाएगी।
लोकेंद्र तिवारी
थाना प्रभारी थरवई