ब्वाय फ्रैंड के साथ गई किशोरी दो साल बाद राजकीय बालिका गृह में की सुसाइड
बरामदगी के बाद सम्मान डिगाने की बात कर अपनाने से मना कर दिए थे घर वाले
PRAYAGRAJ: राजकीय बालिका गृह के कमरे में शनिवार को एक किशोरी की बॉडी फांसी के फंदे से लटकी हुई मिली। बॉडी को देखकर राजकीय बालिका गृह में सन्नाटा पसर गया। वर्ष 2019 में वह ब्वाय फ्रैंड के साथ चली गई थी। करछना थाने में घरवालों ने धारा 363, 366 के तहत केस दर्ज करवाया था। तलाश में जुटी करछना पुलिस चंडीगढ़ से दोनों को बरामद करके लाई थी। बेटी मिली तो घर वाले सम्मान को लेकर अड़ गए। सम्मान की दुहाई दे रहे परिजन उसे घर ले जाने से इंकार कर दिए थे। छह जून 2019
को किशोरी राजकीय बालिका गृह भेज दी गई थी। जबकि करछना पुलिस ने आरोपित उसके ब्वाय फ्रैंड को जेल भेज दिया था।
करछना एरिया की थी किशोरी
किशोरी करछना थाना क्षेत्र के हिन्दूपुर गांव की रहने वाली थी। जबकि ब्वाय फ्रैंड मेजा एरिया के हरगढ़ कोहड़ार का है। पुलिस के मुताबिक 2019 में दोनों घर से भाग गए थे। बरामदगी के बाद पुलिस दोनों के घर वालों को खबर दी। किशोरी के परिवार वाले उसे घर ले जाने से इंकार कर दिए। इसके बाद किशोरी को राजकीय बालिका गृह भेज दिया गया। जबकि ब्वाय फ्रैंड जेल भेजा गया। कहते हैं कि जेल भेजे गए उसके ब्वाय फ्रैंड की जमानत हो चुकी है। राजकीय बालिका गृह में रखी गई किशोरी टीबी रोग से ग्रसित थी। उसे अलग कमरे में रखा गया था।
घरवाले थे नाराज
अधिकारियों के माने तो किशोरी युवक से शादी करना चाहती थी लेकिन उसके घरवाले इस पर तैयार नहीं थे। सूत्रों की माने तो घरवाले किशोरी को एक शर्त पर ले जाने को तैयार थे कि वह युवक के खिलाफ बयान दे। किशोरी इस बात पर तैयार नहीं थी। एक तो घरवालों का साथ छोड़ना ऊपर से बीमारी को लेकर वह टेंशन में थी। बताते हैं कि इन्हीं सारी बातों से वह तनाव में आकर सुसाइड कर ली। खुल्दाबाद पुलिस ने बॉडी को पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया। खबर मिलने पर पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे घर वालों की आंखों से पछतावे के आंसू बह रहे थे।
मामले में मजिस्ट्रेटियल जांच शुरू
राजकीय बालिका गृह में मौजूदा समय में कुल 83 बालिकाएं हैं। वहीं किशोरी के सुसाइड की खबर सुनकर मजिस्ट्रेट भी पहुंचे थे। मामले में मजिस्ट्रेटियल जांच चल रही थी। सीसीटीवी फुटेज को अफसरों ने जांच के लिए कब्जे में ले लिया है। कहा जा रहा कि फुटेज से भी सुसाइड की बात साबित है।
बालिका गृह में मोबाइल कैसे?
राजकीय बालिका गृह में रहने वाली तमाम बालिकाएं मोबाइल का प्रयोग करती हैं। सूत्र बताते हैं कि कई बालिकाओं के पास उनके अपने निजी मोबाइल हैं। जिसके जरिए वह बराबर घर परिवार सहित अन्य बाहरी रिश्तेदारों के टच में बनी रहती हैं। यह मोबाइल उन तक कैसे पहुंचते हैं यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है। जानकार कहते हैं आवश्यकता होने पर बालिकाएं वार्डेन से कहकर घर परिवार में फोन से बात कर सकती हैं। इतनी रियायत उन्हें खुद अधिकारी भी देते हैं। फिर निजी मोबाइल उनके पास होने का क्या मतलब।
सुसाइड करने वाली किशोरी टीबी रोड से ग्रसित थी। उसकी पारिवारिक कुछ दिक्कतें थीं जिससे डिप्रेशन में भी थी। बीमारी का इलाज करवाया जा रहा था। जरूरत पर मोबाइल से किशोरी की बात घर वालों से करवाई जाती है। किसी के पास निजी मोबाइल होने की जानकारी नहीं है।
पंकज मिश्रा, जिला प्रोबेशन अधिकारी
किशोरी द्वारा किए गए सुसाइड केस में कोई जानकारी नहीं है। जो भी पूछना है आप जिला प्रोबेशन अधिकारी से संपर्क करें। हमें किसी से कोई बात करने की इजाजत नहीं है।
पूनम पाल, अधीक्षक राजकीय बालिका गृह