प्रयागराज (ब्यूरो)। पुलिस लाइंस में रविवार को इस मामले का खुलासा एसपी क्राइम द्वारा किया गया। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए तीनों में मोहन लाल विश्वकर्मा शातिर किस्म का अपराधी है। मोहन लाल बीए तक पढ़ा है। वह एक प्राइवेट मोबाइल कंपनी में काम भी किया करता है। वह संत रविदास नगर भदोही के थाना सुरियावां स्थित किशौली कपालपुर सागरपुर का रहने वाला है।
जबकि उसका साथी शिवा साहित्य मौर्य हंडिया इलाके के चक भारतीय गोसाईपुर व इसी थाना क्षेत्र के हरिपुर सैदाबाद निवासी सूबेदार यादव है। पुलिस के मुताबिक पूछताछ में तीनों ने चौंकाने वाले राज का खुलासा किया। बताया कि करीब साल भर पूर्व मोहनलाल विश्वकर्मा की मुलाकात भदोही में एक शातिर से हुई थी। वही उसको एटीएम से लोगों के रुपये निकालने का फंडा उसे सिखाया था। जिस चिमटी से रुपये खींचा करता था उसे आर्डर देकर वह बनवाया करता था। जब वह पकड़ लिया गया तो यह काम खुद मोहनलाल करने लगा। उसके सारे अड्डे और तरीकों से मोहनलाल वाकिफ हो चुका था। चूंकि मोहनलाल यहां एक मोबाइल कंपनी में काम करता है, लिहाजा घूम-घूमकर वारदात को अंजाम देने लगा। इस बीच उसके नेटवर्क में उसके दोनों साथी भी आ गए।
जहां नहीं रहते थे सुरक्षा गार्ड वहां था टारगेट
इस तरह तीनों मिलकर ऐसे एटीएम बूथ को टारगेट किया करते थे जहां पर सुरक्षा गार्ड की तैनाती नहीं होती है। पकड़े गए तीनों शातिरों के पास से एक तमंचा, दो कारतूस, लगभग एक लाख रुपये, कई वह चिमटा जिससे रुपये फंसाकर खींचा करते थे और एक कार बरामद की गई। एसपी क्राइम ने कहा कि एसओ झूंसी यशपाल सिंह, एसओजी प्रभारी गंगापार मनोज कुमार सिंह, हेड कांस्टेबल सिद्धार्थ राय, जितेंद्र सिंह, दीपक मिश्रा, कांस्टेबल रविदेव सिंह, पीयूष पंकज चौहान, विनोद दुबे, मो। याकूब, कुलदीप कुमार यादव को इस काम के लिए पुरस्कृत किया जाएगा।
ऐसे देते थे वारदात को अंजाम
पहले तीनों अपनी कार में बैठकर बगैर सुरक्षा गार्ड वाले एटीएम बूथ को टारगेट करते थे।
एटीएम में उस जगह बरामद विशेष चिमटा को लगाने के बाद खुद जाकर कार में बैठ जाया करते थे
जब कोई उस एटीएम में रुपये निकालने जाता था उसके जरिए निकाला गया रुपया उनके चिमटे में आकर फंस जाता था
रुपये बाहर नहीं आने पर कार्ड लेकर निकालने पहुंचे लोग कोई खामी समझकर वापस चले जाते थे
इसके बाद तीनों जाकर फंसाए गए चिमटा सहित उसमें फंसे रुपयों को भी निकाल लिया करते थे
इस तरह लोगों के खाते से रुपये कट जाते थे और मैसेज भी आ जाता था, मगर उसे एटीएम से रुपये नहीं मिलते थे
चिमटा गैंग के तीनों गुर्गे काफी शातिर हैं। वह विशेष आकार के बने चिमटे को एटीएम में जहां से कैश बाहर आता है उसमें ऐसे फंसा देते थे कि दिखाई नहीं देता था। इसके बाद उसमें फंसे नोट एटीएम से लोगों के जाने बाद उनके रुपये वह उस चिमटे से निकाल लेते थे।
सतीशचंद्र, एसपी क्राइम