प्रयागराज ब्यूरो । आईएएस बनने की चाह में इस युवक ने लाखों की नौकरी छोड़ दी। फिर दिन रात मेहनत कर यूपीएससी एग्जाम क्वालिफाई किया। उसे 673वीं रैंक मिली है। बात कर रहे हैं कलेक्ट्रेट के पूर्व प्रशासनिक अधिकारी और वर्तमान में जिला कचहरी में वकालत कर रहे लाल बिन्द के बेटे अभिषेक बिन्द की। अभिषेक बिन्द आईआईटी बीएचयू से गणित विषय में एमटेक हैं। पूर्व में अभिषेक बिन्द माइक्रोसॉफ्ट कंपनी में 38 लाख के पैकेज में काम कर रहे थे। जहां 15 महीने काम करने के बाद जॉब छोड़कर सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए दिल्ली चले गए। उन्होंने दिल्ली में ही रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की। लाल जी बिन्द के दो बच्चों में छोटा और इकलौता बेटा अभिषेक बिन्द पढ़ाई में शुरू से तेज था। उसका सपना आईएएस बनने का था।
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शिक्षा के क्षेत्र में अलख जगाने की इच्छा- श्रेया सिंह
प्रयागराज- अगर मैं यूपीएससी क्लीयर न भी करती तो शिक्षा के क्षेत्र में अपना योगदान देती। मेरा मानना है कि अगर मन में कुछ करने की चाहत हो तो वह आप किसी भी पोजीशन पर रहकर कर सकते हैं। यूपीएससी रिजल्ट में ओवर आल 639 रैंक प्राप्त करने वाली अल्लापुर निवासी श्रेया सिंह का कहना है कि वह पहले से ही इस क्षेत्र में कार्य कर रही हैं। कोरोना काल के दौरान प्रोजेक्ट परवान से जुड़कर उन्होंने लद्दाख के अनपढ़ बच्चों को शिक्षित किया था। वह भी टेलीफोन के जरिए। उस समय लद्दाख में इंटरनेट सेवा बहाल नही थी। अब जबकि उनका सेलेक्शन यूपीएससी में हो गया है तो वह अधिक से अधिक लोगों तक शिक्षा का उजाला फैलाने की इच्छा रखती हैं।
इंटर में जिले में थी थर्ड रैंक
श्रेया सिंह शुरू से पढऩे में तेज थीं। हाईस्कूल व इंटर की पढ़ाई उन्होंने झूंसी के सेंट्रल एकेडमी से की है। दसवीं में उनके 10 सीजीपीए माक्र्स आए थे तो इंटर में 96 परसेंटेज से अधिक लाकर उन्होंने जिले में थर्ड रैंक पाई थी। गे्रजुएशन उन्होंने आईआईआईटी बड़ोदरा से किया है। पीजी उन्होंने ओपन यूनिवर्सिटी से सोशियोलॉजी से किया है। यह उनका आप्शन सब्जेक्ट था। उनके पिता शैलेष सिंह एग्रीकल्चर फील्ड से जुड़े हैं और माता पंकजा सिंह सेंट्रल एकेडमी में टीचर हैं।