प्रयागराज (ब्यूरो)। डेंगू की बीमारी आम नही है। एक बार संक्रमित होने के बाद मरीज को ठीक होने में देरी लगती है। जब वह ठीक हो जाता है तो इसके बाद भी उसे तमाम लक्षणों का सामना करना पड़ता है। इससे दर्जनों मरीज वर्तमान में जूझ रहे हैं। इसे डेंगू का साइड इफेक्ट माना जा रहा है।
5 लक्षणों से परेशान हैं लोग
वर्तमान में डेंगू से ठीक होने में मरीजों को एक से दो सप्ताह का समय लग रहा है। बावजूद इसके पांच ऐसे लक्षण हैं जिनकी शिकायत मरीज डॉक्टरों से कर रहा है। उसका कहना है कि इससे उनको मानसिक अवसाद का सामना करना पड़ रहा है। डेंगू उबरने वाले 30 फीसदी मरीजों में साइड इफेक्ट की शिकायत सामने आ रही है।
1. जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द
यह समस्या तब होती है जब आप डेंगू से जूझ रहे होते हैं और कई बार डेंगू से ठीक होने के बाद भी होती है। अगर डेंगू बुखार चरम पर पहुंच जाता है तो पालीअर्थ्राल्जिया (एकाधिक जोड़ों का दर्द) और मायलागिया (मांसपेशियों में दर्द) जैसी समस्याएं परेशान करने लगती हैं।
2. बाल झडऩा
बालों का झडऩा एक ऐसी समस्या है जो कमोबेश ऐसे लोगों में देखी जाती है जो डेंगू बुखार से प्रभावित हुए हैं। रिसर्च के अनुसार बालों का झडऩा स्थायी नहीं है, लेकिन डेंगू के बाद कमजोर इम्यूनिटी बालों के झडऩे का कारण बन सकती है। इससे आपके रोम प्रभावित होंगे और ठीक होने में समय लग सकता है।
3. पोषक तत्वों की कमी
डेंगू से प्रभावित लोगों में आमतौर पर खनिज और विटामिन की कमी देखी जाती है। यह भी एक कारण है कि डेंगू के दौरान और बाद में जोड़ों का दर्द बदतर हो जाता है। इससे उनमें विटामिन डी, बी 12, ई, किसी भी अन्य महत्वपूर्ण सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी पाई जाती है।
4. इम्यूनिटी और कमजोरी
इम्यून सिस्टम पर डेंगू एक गंभीर रूप धारण कर लेता है, जिससे बीमार होने की संभावना बढ़ सकती है। लोग कमजोर और थके हुए भी महसूस कर सकते हैं। फिट रहने के लिए अच्छी तरह से संतुलित आहार और शारीरिक गतिविधि करना महत्वपूर्ण है।
5. चिंता और अवसाद
आश्चर्यजनक रूप से यह डेंगू बुखार के दीर्घकालिक दुष्प्रभावों में से एक है। डेंगू बुखार से पीडि़त लोगों में तनाव, अवसाद, और चिंता में गंभीर बदलाव देखा गया। इससे ठीक होने के बाद भी वह अवसाद का सामना करता है।
सात नए मरीज आए सामने
उधर, बुधवार को जिले में डेंगू के सात नए मरीज सामने आए हैं। इनमें से चार शहर और तीन ग्रामीण एरिया के हैं। शहर में मुंडेरा, मीरापुर, सुलेमसराय, कटरा में मरीज मिले हैं। अब तक कुल मरीजों की संख्या 257 हो चुकी है और इसमें से 37 मरीजो का स्वास्थ्य विभाग ट्रेस नहीं कर सका है। जिला मलेरिया अधिकारी आनंद सिंह ने बताया कि इस समय 16 मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं और 21 मरीजों का घर में इलाज चल रहा है।
डेंगू ठीक होने के बाद भी अपने साइड इफेक्ट छोड़ रहा है। इससे मरीज परेशान हैं। ओपीडी में आने वालों को दवाएं दी जा रही हैं और खानपान और जीवनशैली पर ध्यान देने की सलाह भी दी जा रही है। इससे उनकी इम्युनिटी बढ़ेगी और साइड इफेक्ट से निजात मिल जाएगी।
डॉ। मंसूर, फिजीशियन, बेली अस्पताल