प्रयागराज (ब्यूरो)। अजग गजब हाल है पुलिसिंग का। सात महीने से अतीक की पत्नी शाइस्ता समेत उमेश पाल हत्याकांड अंजाम देने में किसी न किसी रूप में शामिल छह आरोपितों तक उसके लम्बे हाथ नहीं पहुंच पाए हैं। लगभग रोज एक नई सूचना आती है और पुलिस पहुंच जाती है दबिश देने, लेकिन, कामयाबी उससे कोसों दूर है। इस स्थिति के बीच पुलिस पर उमेश पाल हत्याकांड में चार्जशीट दाखिल करने का भी दबाव है। इसके तहत पुलिस फरार आरोपितों की सम्पत्ति कुर्क करने का आदेश लेने कोर्ट में पहुंच गयी। कोर्ट ने पुलिस की मांग को जायज मानकर कुर्की की प्रक्रिया शुरू करने के लिए धारा 82 के तहत नोटिस जारी कर दी। यह सिक्के का एक पहलू है तो दूसरा पहलू यह है कि पुलिस को पता ही नहीं है कि शाइस्ता के नाम सम्पत्ति कौन सी है जिसे कुर्क किया जायेगा। पुलिस कह रही है कि शाइस्ता के नाम वाली सम्पत्ति का पता लगाया जा रहा है।
किराये के मकान को ढहा चुकी पुलिस
उमेश पाल हत्याकांड ने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया था। इससे हुई किरकिरी की भरपाई के लिए पुलिस ने अपनी तरफ से ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू कर दी। इसी के तहत उस मकान को भी ढहा दिया गया जहां शाइस्ता किराये पर रहती थी। पुलिस की कार्रवाई के दौरान वांटेड शाइस्ता मौके पर नहीं पहुंची थी। उसका सामान कौन ले गया यह भी पता नहीं है। अतीक के पांच पेट्स का जीवन इस प्रकरण के बाद दांव पर लग गया था। यह सब करने के बाद भी पुलिस शाइस्ता तक नहीं पहुंच सकी। पुलिस को एक बार शाइस्ता के बारे में पता भी चला था। इसके अनुसार अतीक और अशरफ की बॉडी को दफनाये जाने वाले दिन वह खुल्दाबाद में ही मौजूद थी। लेकिन, पुलिस तक इसकी सूचना भी तब पहुंची जब वह उडऩछू हो चुकी थी। लगातार पहेली बनी शाइस्ता तक पहुंचने के लिए पुलिस ने अतीक के दो अधिवक्ताओं तक के खिलाफ कार्रवाई कर दी लेकिन शाइस्ता और बाकी पांच अन्य आरोपितों को लेकर उसके हाथ खाली ही रहे।
नामजद है उमेश पाल कांड में
उमेश पाल हत्याकांड के मामले में नामजद रिपोर्ट जया पाल की तरफ से दर्ज करायी गयी थी। इसमें शाइस्ता का नाम भी शामिल है। रिपोर्ट दर्ज होने का पता चलने के बाद से ही शाइस्ता गायब है। एक दो बार उसका नाम चर्चा में भी तब आया जब उसकी तरफ से अधिवक्ता ने कोर्ट में अर्जी दाखिल करके नो नाबालिग बेटों के बारे में पता लगाने का अनुरोध किया गया था। बच्चे मिल गये। उन्होंने करीब छह महीने बाल सुधार गृह में बिता लिया और अब अपनी बुआ की शरण में पहुंच चुके हैं, इसके बाद भी शाइस्ता का कोई सुराग पुलिस के हाथ नहीं है। पुलिस ने इनाम घोषित करके उस तक पहुंचने की कोशिश की लेकिन वह भी नाकाम हो गयी। अब पुलिस ने उसकी सम्पत्ति कुर्क करने का रास्ता अख्तियार किया है। इसके बाद पुलिस उसे भगोड़ा घोषित करके चार्जशीट दाखिल कर देेगी और मुकदमे की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। शुक्रवार को इस प्रकरण को डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में पेश किया गया तो कोर्ट ने 82 के तहत कार्रवाई करने का आदेश दे दिया। इसके तहत उस घर पर नोटिस चस्पा की जानी है जो आरोपित के नाम हो। पुलिस को यह कार्रवाई शाइस्ता के अलावा पांच अन्य के खिलाफ करनी है। शनिवार को सूचना आयी कि पुलिस ने मुनादी करा दी है। इसके बाद सवाल खड़ा हुआ कि वह सम्पत्ति कौन सी है जिसे पुलिस कुर्क करेगी। यह पुलिस की तरफ स्पष्ट नहीं किया गया है।
पुलिस का हर दांव पड़ रहा हल्का
अतीक और अशरफ का मर्डर हुआ। दोनों को सुर्पुद ए खाक किया गया। इस दौरान पुलिस को लगा कि शाइस्ता और जैनब आ जाएंगी तो दोनों को पकड़ लिया जाएगा। मगर ऐसा नहीं हुआ। अतीक और अशरफ का चालीसवां हुआ तो भी पुलिस को उम्मीद जगी कि दोनों पकड़ी जाएंगी मगर ऐसा नहीं हुआ। बाल गृह से अतीक के बेटे एहजम और अबान छूटकर हटवा गांव पहुंचे। यहां पर भी पुलिस को लगा कि शाइस्ता अपने बेटों से मिलने आएगी मगर अभी तक शाइस्ता की परछाईं तक पुलिस नहीं पहुंच सकी है।
कुर्की की कार्रवाई की प्रक्रिया कोर्ट में प्रासेस है। धारा 82 के तहत कार्रवाई की नोटिस जारी हो चुकी है। इसमें सरेंडर करने का मौका दिया गया है। निर्धारित तिथि बीत जाने पर पुलिस सम्पत्ति कुर्क करने का आदेश कोर्ट से हासिल करेगी। कौन कौन सी सम्पत्ति कुर्क की जाएगी इसका पता लगाया जा रहा है।
राजेश मौर्य इंस्पेक्टर धूमनगंज