11 दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव 'अवलोकन तीरथराजु चलो रे' का समापन
संस्कार भारती के माघ मेले में चल रहे 11 दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव अवलोकन तीरथराजु चलो रे का बुधवार शाम कवि सम्मेलन के साथ समापन हो गया। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे गीतकार जनकवि प्रकाश ने अपने गीतों से श्रोताओं की खूब तालियां बटोरी। उनके गीत जनकवि कहने के लिए, कुछ भी कहें जनाब। मोदी के नेतृत्व पर, आज देश को नाज है सुनकर श्रोता भी गदगद हो गए। कवि सम्मेलन का कुशल संचालन गीतकार शैलेन्द्र मधुर ने किया। उन्होंने कई गीत सुनाकर श्रोताओं को लुभाया। उनके गीत जमीं पर रहकर जमीं को ही सजाया मैंने। अपने किरदार को किरदार बनाया हमने को लोगों ने खूब सराहा।
खूब लूटी वाहवाही
कवि सम्मेलन का शुभारंभ बाबा कल्पनेश की देशप्रेम और अध्यात्म से जुड़ी कविताओं से हुआ। अगली कड़ी में नीना मोहन श्रीवास्तव, योगेन्द्र मिश्र विश्वबंधु, वरिष्ठ कवियत्री प्रीता बाजपेई ने अपने गीतों से श्रोताओं को खूब लुभाया। गीतकार डॉ आभा श्रीवास्तव ने भी खूब वाहवाही लूटी। आकाशवाणी के केंद्र निदेशक लोकेश शुक्ला के गीतों को श्रोताओं ने खूब पसंद किया। उनकी गजल अपनी एक एक आह को नगमा बना देता हूं मैं, यानि जीता हूं तो जीने का सिला देता हूं मैं को श्रोताओं ने खूब सराहा।
कवि सम्मेलन में उमेश श्रीवास्तव, संजय पुरुषार्थी सहित अन्य कई कवियों ने भी काव्य पाठ किया।