प्रयागराज ब्यूरो ।दो माह और आठ दिनों के गम के दिनों में अब मात्र सात दिन और शेष रह गए हैं। बुधवार को माहे रबी उल अव्वल के चांद की तसदीक हो गई। अब चंद दिन ही माहे अजा के बचे हैं। मजलिस मातम शब्बेदारी और जुलूस निकाले जा रहे हैं। इसी क्रम में दरियाबाद स्थित इमामबाड़ा अरब अली खां में यौमे इमाम ए हसन की शहादत के सिलसिले में रात भर अन्जुमनों ने नौहे पढ़े तो आयोजक अन्जुमन हुसैनिया कदीम ने तबल की आवाज पर तेज धार की छूरीयों से पुश्तजनी कर अपने आप को लहूलुहान कर लिया।
बुझा दी गई थीं लाइटें
जाकिर ए अहलेबैत अशरफ अब्बास खां (पप्पे खां)ने पुरदर्द शहादत ए इमाम ए हसन पर तकरीर की। इमामबाड़े की लाईटों को बुझा कर ताबूत ए हसन ए मुज्तबा निकाला गया। इससे पहले नजीब इलाहाबादी के संचालन में शहर की मशहूर ओ मारुफ अन्जुमनों ने नौहे पढ़े। शफकत अब्बास पाशा, रौनक सफीपुरी, शाह बहादुर, मो। अहमद गुड्डू, पार्षद फसाहत हुसैन, रिजवान जव्वादी, हुसैन रजा, मकसूद रिजवी, ज़ुलकरनैन आब्दी, मिर्जा अजादार हुसैन, सैय्यद मोहम्मद अस्करी, तुराब हैदर, असगर अली आदि शामिल रहे। रबी उल अव्वल के चांद के दीदार के साथ मस्जिदों में शुरु हुई सरकार की आमद मरहबा की गूंज। मस्जिदों को आकर्षक रंगीन झालरों व कुमकुमों से सजा दिया गया। इमामबाड़ा मिर्जा नकी बेग रानी मंडी से अन्जुमन हैदरिया की ओर से अय्यामे अजा के आखिरी दिन 12 सितम्बर गुरुवार को चुप ताजिया का जुलूस निकाले जाने के साथ गम के दिन खत्म हो जाएंगे और 13 सितम्बर शुक्रवार को विभिन्न अन्जुमनों की ओर से ईद ए जहरा की महफिल सजेगी।