प्रयागराज (ब्यूरो)। यमुनापार के करछना स्थित धरी गांव निवासी संतोष मेहनत मजदूरी करके परिवार पालता था। जबकि पत्नी गेंदा औद्योगिक एरिया स्थित एक पेपर मिल में काम करती थी। उसी पेपर मिल में रामबाबू भारतीय भी काम करता था। काम के दौरान मिल में ही गेंदा और रामबाबू की पहचान हुई। आंखों के रास्ते से होते हुए दोनों की यह पहचान दिल तक जा पहुंची। एक दूसरे को दोनों बेपनाह मोहम्बत करने लगे। रामबाबू प्रेमी गेंदा के पति संतोष से दोस्ती गांठ लिया। इसके बाद वह उसके घर आने जाने लगा। धीरे-धीरे विश्वास का ऐसा ढोंग रचा कि संतोष भी उसे पूरी छूट दे दिया। रामबाबू अक्सर संतोष के घर पर ही रुक जाया करता था।

प्रेमी और पति के बीच हुई थी हाथापाई

पिछले एक हफ्ते से वह उसी के घर में था। रात में संतोष के सो जाने पर रामबाबू व गेंदा गलबहियां हो जाया करते थे। रोज की तरह रविवार रात भी संतोष घर के चबूतरे पर सो गया। रामबाबू उसके घर के अंदर चारपाई पर लेट गया। देर रात संतोष को प्यास लगी और वह पानी लेने के लिए घर के अंदर पहुंच गया। घर के अंदर पहुंचे संतोष ने देखा तो उसकी पत्नी गेंदा और रामबाबू एक ही बिस्तर पर गलबहियां थे। यह देखते ही संतोष आपे से बाहर हो गया। वह आक्रोश व्यक्त करते हुए दोनों की हरकतों पर चीखने लगा। रामबाबू और संतोष में हाथापाई शुरू हो गई। इश्क में पागल हुई गेंदा अपने एक गुनाह को छिपाने के लिए दूसरा गुनाह कर बैठी। वह प्रेमी का साथ देते हुए पीछे से पति पर डंडे से हमला कर दिया।
पत्नी गेंदा के हमले से संतोष थोड़ा कमजोर पड़ा तो प्रेमी रामबाबू के साथ मिलकर गेंदा पति संतोष को दबोच लिया। उसके गले पर वही डंडा
रखकर दोनों पांव से दबा दिए। इससे संतोष की मौके पर ही मौत हो गई। यह सब देख रहे उसके बच्चे चीख पड़े। बच्चों की आवाज सुन लोग दौड़े तो रामबाबू भागने लगा। दौड़ाकर उसे दबोचने के बाद पब्लिक ने जमकर पिटाई किया। तब तक मिल चुकी खबर पर करछना पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। तड़प रहे रामबाबू को पुलिस को एसआरएन हॉस्पिटल ले गई। जहां डॉक्टरों ने उसे भी मृत घोषित कर दिया। एसपी यमुनापार सौरभ दीक्षित ने बताया कि मारे गए संतोष के भाई बृजेश की तहरीर पर पुलिस ने गेंदा और प्रेमी रामबाबू के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया। जबकि हॉस्पिटल में दम तोडऩे वाले रामबाबू के बेटे आशीष भारतीय की तहरीर पर गेंदा व अन्य अज्ञात के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कराया गया। आरोपित महिला को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।

एक घटना में दो परिवार हुए बर्बाद
इस पूरी घटना में अगर सबसे ज्यादा किसी का नुकसान हुआ तो वह बच्चे हैं। पति व प्रेमी की हत्या में पुलिस महिला गेंदा को गिरफ्तार कर ली है। परिवार में बचे उसके चार बच्चे भगवती प्रसाद (14), अंशू (9), अंशिका (7), रागिनी (12) है। इन चारों के पिता की हत्या करके मां जेल चली गई। पिता बचा नहीं, ऐसे में इन बच्चों के भरणपोषण और भविष्य का क्या होगा? यह एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। हालात को देखते हुए यह कहना शायद ही गलत होगा कि यह पूरा परिवार बर्बाद हो गया। इन बच्चों की परवरिश का जिम्मा अब उसके चारों चाचा पर ही होगा। संतोष पांच भाई था। सभी परिवार के साथ अलग-अलग रहते थे। उसके दो भाई मुंबई में रहकर प्राइवेट नौकरी करते हैं। पिटाई से मरने वाले महिला के आशिक रामबाबू का परिवार भी एक तरह से बर्बाद ही हो गया। क्योंकि उसके भी बच्चे व पत्नी बेसहारा हो गए।

पूछताछ में जो बातें सामने आई हैं उससे स्पष्ट है कि घटना प्रेम प्रसंग में हुई है। तहरीर पर महिला गेंदा देवी सहित अन्य पर केस दर्ज कर लिया गया है। जांच में जो भी फैक्ट सामने आएंगे उसके आधार पर एक्शन लिया जाएगा।
अजय कुमार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक