प्रयागराज (ब्यूरो)। माफिया अतीक अहमद के खंडहर कार्यालय में मिले खून के धब्बों से रहस्यों के बादल छंटने का नाम नहीं ले रहे हैं। तीन दिन बीत जाने के बाद फोरेंसिक टीम द्वारा लिए गए ब्लड सैंपल की रिपोर्ट पुलिस को नहीं मिल सकी है। रिपोर्ट नहीं मिलने का दावा बुधवार को खुल्दाबाद की पुलिस द्वारा किया गया। रिपोर्ट को लेकर पुलिस कितना सच बोल रही है यह बात बहुत दावे से नहीं कहा जा सकता। फिर भी जांच की दिशा पर गौर करें तो अतीक के कार्यालय में फैला हुआ खून किसी इंसान का ही है। क्योंकि इस ब्लड के राज का पता लगाने में जुटी पुलिस के शक की सुई अब नशेडिय़ों की तरफ घूम गई है। पुलिस को शक है कि अतीक के कार्यालय में स्मैकिये व नशेड़ी रात के वक्त नशा करने के लिए गए रहे होंगे। नशे में उनके बीच विवाद और मारपीट हुई। इसके बाद किसी एक ने दूसरे पर बरामद चाकू से हमला कर दिया होगा। उसी के हमले से दूसरे नशेड़ी के घायल निकले ब्लड को देखकर सभी भाग गए होंगे।
सोमवार को मिले थे खून के धब्बे
इसी संदेह के आधार पर खुल्दाबाद पुलिस के जरिए आस पास के करीब आधा दर्जन नशेडिय़ों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। यदि ऐसा है तो मतलब यह कि पुलिस अच्छी तरह से जान चुकी है कि ब्लड किसी जानवर का नहीं, इंसान का ही है। यही वजह है कि वह वह नशेडिय़ों को उठा कर सवाल जवाब करने में जुटी है। बताते चलें कि चकिया स्थित करबला के पास माफिया अतीक अहमद का कार्यालय है। भू-माफियाओं के खिलाफ चलाए गए अभियान में पीडीए ने इस उसके इस दफ्तर का काफी हिस्सा ढहा दिया था। ढहाए जाने के बावजूद अतीक का खण्डहर में तब्दील कार्यालय का काफी हिस्सा पीछे साइड साबुत है। अंदर किचन और कमरे उसके अंदर सोफा आदि रखा हुआ है। उसके दफ्तर के बचे हुए इसी हिस्से के किचन व कमरा और सीढिय़ों तक फैला हुआ ब्लड सोमवार को कुछ लोगों ने देखा था। उन्हीं के जरिए अतीक के कार्यालय में बिखरे हुए खून की जानकारी पुलिस को दी थी। अतीक के खण्डहर हुए कार्यालय के शेष भाग में खून की खबर से पुलिस को पसीने छूट गए थे। खुल्दाबाद थाना प्रभारी व अधिकारी भागकर मौके पर पहुंचे थे। स्थिति क्लियर नहीं होने पर जांच के लिए फोरेंसिक टीम बुला गई थी। इस टीम के द्वारा कार्यालय में फैले हुए ब्लड के सैंपल लिए गए थे। बरामद ब्लड लगा युवती का कपड़ा व चाकू आदि पुलिस उठा ले गई थी। थाना पुलिस के दावा है कि फोरेंसिक टीम के द्वारा कलेक्ट किए गए ब्लड की रिपोर्ट बुधवार शाम तक नहीं आ सकी है। जबकि खून को मिले हुए तीन दिन का समय बीत गया और जांच रिपोर्ट फाफामऊ स्थित लैब से ही आनी है। ऐसी स्थिति तीन दिन बीत जाने के बावजूद रिपोर्ट नहीं मिलने की बात लोगों के गले से नीचे नहीं उतर रही है। पुलिस के इस दावे पर संदेह जता रहे लोगों का कहना है कि इस मामले की जांच में दिशा बदल दी गई है। थाना पुलिस अब आसपास के नशेडिय़ों से पूछताछ करने में जुटी है। पूछताछ के लिए करीब आधा दर्जन नशेड़ी किस्म के युवक उठाए भी गए हैं। यदि ऐसा है तो मतलब यह हुआ कि पुलिस के हाथ रिपोर्ट लग गई है और उसे मालूम चल चुका है कि वह ब्लड किसी इंसान का ही है। यही कारण है कि पुलिस द्वारा की जा रही जांच की गति तेज हो गई और चेंज शक की सुई नशेडिय़ों के आसपास घूम रही है।
अभी ब्लड सैंपल की जांच रिपोर्ट नहीं आई है। पड़ताल की जा रही है। जल्द ही इस मामले का खुलासा किया जाएगा। पुलिस के द्वारा किसी भी नशेड़ी को हिरासत में नहीं लिया गया है। रिपोर्ट आते ही सभी को जानकारी दे दी जाएगी।
अनुराग शर्मा थाना प्रभारी खुल्दाबाद