प्रयागराज ब्यूरो । सैलरीड क्लास के लिए मार्च का महीना काफी सिरदर्द भरा होता है। इनकम टैक्स बचाने के लिए लोग कई तरह की जुगत भिड़ाते हैं। उन्हें आईटीआर दाखिल करने के लिए 31 जुलाई का समय नियमानुसार मिलता है, लेकिन इनकम टैक्स उसी रकम पर बचाया जा सकेगा, जिसे 31 मार्च से पहले खर्च या निवेश किया गया होगा। मार्च माह में किस प्रकार से टैक्स बचाने की कोशिश होती है। क्या-क्या तरीके होते हैं जो इसमें कामयाब होते हैं। इसके लिए हमने कुछ सैलरीड क्लास लोगों से बात की।
पहले से करनी होती है प्लानिंग
हिम्मतगंज के लवकुश इंटर कॉलेज के टीचर एसबी सिंह बताते हैं लाख कोशिशों के बावजूद हर साल डेढृ माह की सैलरी टैक्स में चली जाती है। वह सालाना दस लाख से ऊपर की स्लैब में आते हैं। इसलिए उन्हें टैक्स बचाने की प्लानिंग पहले से करनी होती है। कहते हैं कि म्युचुअल फंड में पहले से एसआईपी करते हैं। कहते हैं कि 80सी के तहत निवेश करने से टैक्स में डेढ़ लाख तक की छूट मिल जाती है।
एक माह की सैलरी फिर भी जाएगी
यूको बैंक के चीफ मैनेजर सुमित पाल आजकल काफी चिंतित हैं। क्योंकि उनकी सैलरी सालाना दस लाख से अधिक के स्लैब में है और इसमें तीस फीसदी टैक्स देने का प्रावधान है। वह कहते हैं कि एफडीआर, सुकन्या समृद्धि योजना में इनवेस्टमेंट करते हैं। हाउसिंग लोन, एमपीएस में भी टैक्स बेनिफिट मिल जाता है। बावजूद इसके एक माह की सैलरी तो देनी ही पड़ती है।
एक्सपट्र्स की लेनी पड़ती है सलाह
इनकम टैक्स के दायरे में रहकर टैक्स बचाना आसान नही है। यह कहना है कि भदोही में पोस्टेड सरकारी टीचर विष्णु साहू का। वह कहते हैं कि अगर आपने पहले से प्लानिंग नही की और निवेश स्कीमों में पार्टिसिपेट नही किया तो दिक्कत होना लाजिमी है। वह खुद एलआईसी और म्युचुअल फंड के जरिए अपना टैक्स बचाते हैं। 80 सी और 80 डी के जरिए अधिकतम टैक्स बचता है। हालांकि निवेश के प्रूफ भी देने होते हैं।
बहुत अधिक नही मिलती छूट
पीडब्ल्यूसी विभाग में सीए गौरव मिश्रा खुद की सैलरी में अधिक टैक्स नही बचा पाते हैं। वह कहते हैं सरकार की ओर से लिमिटेशंस लगाए गए हैं। 80सी में आप अधिकतम डेढ़ लाख तक ही सेव कर सकते हैं। इसके बाद आप्शन कम होते जाते हैं। जो लोग हायर स्लैब में है उनको तीस फीसदी टैक्स देना होता है। कहते हैं कि मेरा पीएफ कट रहा है साथ ही डोनेशन भी दिखा देता हूं, इसकी वजह से कुछ टैक्स कम हो जाता है।
हेल्थ इंश्योरेंस से मिलता है रिबेट
कौशांबी में पोस्टेड सरकारी टीचर योगेश सिंह कहते हैं कि उन्हें होम लोन की वजह से टैक्स में छूट मिल जाती है। इसके अलावा 80 डी के तहत हेल्थ इंश्योरेसं में इन्वेस्ट कर टैक्स में रिबेट पा जाते हैं। हालांकि एक्सपट्र्स की भी सलाह लेनी पड़ती है। बच्चों की ट््यूशन फीस और एलआईसी स्कीम में निवेश के जरिए भी टैक्स बचाना आसान होता है। कुछ और निवेश की योजनाओं के जरिए भी मैं अपना टैक्स बचाने में सफल होता हूं। लोगों को स्मार्ट सेविंग की आदत डालनी ही होगी।
एक्सपर्ट की राय
इनकम टैक्स के दायरे में आने वालों को निवेश की आदत डाल लेनी चाहिए। फिर वह 80सी के तहत तमाम स्कीम को फालो कर अपना टैक्स बचा सकते हैं। इसमें एलआईसी, पीपीएफ, जीपीएफ, ईपीएफ, होम लोन आदि शामिल हैं। इसी तरह 80डी में 25 से 25 हजार रुपए की सीमा तक टैक्स को बचाया जा सकता है। 80सी में एमपीएस के जरिए 50 हजार की अतिरिक्त छूट पाई जा सकती है। लेकिन यह तभी होगा जब आप ने स्मार्ट तरीके से सेविंग और निवेश दोनों किया है। यही कारण है कि 31 मार्च तक हर हाल में टैक्स बचाना जरूरी होता है।
नितिन मेहरोत्रा, सीए
प्रयागराज कॉलिंग
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