प्रयागराज (ब्यूरो)। कोरोना को अगर काबू करना है तो अधिक से अधिक जांच होनी चाहिए। इस समय प्रयागराज की जनसंख्या 65 लाख से अधिक है। ऐसे में प्रतिदिन कम से कम 15 से 20 हजार सैंपल लिए जाने चाहिए। तब कोरोना के संक्रमण की असलियत सामने आ सकती है। पिछले साल अप्रेल-मई में आई दूसरी लहर में प्रतिदिन 16 हजार से अधिक जांच हो रही थी।

पांच फीसदी पहुंचा पॉजिटिविटी रेट

राजधानी लखनऊ की जनसंख्या प्रयागराज से कम है और वहां पाजिटिविटी रेट 7.77 से अधिक पहुंच चुका है। प्रयागराज का पाजिटिविटी रेट अभी 4 से 5 के बीच चल रहा है। इसके पीछे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के तर्क हैं। उनका कहना है कि अब एंटीजन की जगह आरटीपीसीआर जांच की जा रही है। हमारे यहां जांच के संसाधन कम है इसलिए सैंपल भी कम लिए जा रहे हैं।

कब कितनी हुई जांच और कितने मिले पाजिटिव

डेट (जनवरी) पाजिटिव केस लिए गए सैंपल

1 20 6426

2 19 5273

3 14 11468

4 31 9250

5 136 8790

6 70 8233

7 118 7895

8 163 9403

9 137 6856

10 220 9957

11 273 10152

12 374 9407

13 416 9330

14 402 7693

15 414 8183

16 322 6360

17 399 9554

18 452 8394

19 444 8193

कुल 4424 160817

एक जनवरी से अब तक ओवर आल पाजिटिविटी रेट- 2.7 फीसदी

पीक की तरफ बढ़ रहा कोरोना

तीसरी लहर के आंकड़े रोजाना बढ़ रहे हैं। इस समय केसेज की संख्या चार सौ से अधिक हो रही है। अगर जांच की संख्या नही बढ़ाई गई तो संक्रमण दबे पांच तेजी से फैल सकता है और इसके परिणाम भी खतरनाक हो सकते हैं। एक्सपट्र्स की मानें तो अभी कोरोना का पीक आना बाकी है। वैसे भी ओमीक्रोन कोरोना के दूसरे वैरिएंट के मुकाबले अधिक खतरनाक है। इसका संक्रमण कई गुना तेजी से फेलता है।

मेले मेें अचानक कम हुए मरीज

कही न कही कोरोना की पॉजिटिविटी को कम दिखाने की कवायद भी कही जा सकती है। बता दें कि इस समय प्रयागराज में माघ मेले का आयोजन किया जा रहा है। जिसकी शुरुआत में रोजाना 20 से 40 के बीच मरीज आ रहे थे लेकिन अचानक यह आंकड़ा कम हो गया। दूसरे यह भी है कि मेडिकल कॉलेज में आरटीपीसीआर जांच की केवल दो मशीन लगी हैं। इनमें सीमित संख्या में ही जांच हो सकती है। इस बार शहर में एंटीजन जांच भी नही की जा रही है।

हमारे यहां जांच कम नही हो रही है। कुछ जांच मेले में भी हो रही है जिसे जोड़ा नही जा रहा है। मशीने भी हमारे पास सीमित हैं। कोशिश की जा रही है कि जांच की संख्या में बढ़ोतरी कर अधिक संक्रमित चिंहित किए जाएं।

डॉ। एके तिवारी

जिला सर्विलांस अधिकारी स्वास्थ्य विभाग प्रयागराज