प्रयागराज (ब्‍यूरो)। करेली में मां और संग बहन की हत्या करने वाले शातिर ने एसिड से भी अटैक किया था। एसिड से किए गए अटैक के चलते नाहिदा के कपड़े काफी हद तक झुलस गए थे। एक के बाद एक उसके द्वारा दर्जनों शीशी एसिड फेंक दिए थे। गनीमत यह रही कि एसिड की जद में आसपास व मौके पर रहे लोग नहीं आए। अन्यथा की स्थिति में हालात और भी भयावह हो जाते थे। खैर ऐसी स्थिति में सवाल यह उठता है कि आखिर एसिड इतनी आसानी से यहां मिल कैसे रहा? एसिड की बिक्री पर प्रतिबंध के हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश हैं। इसी आदेश के अनुपालन में सरकार ने एसिड की बिक्री पर प्रतिबंध लगा रखा है। बुधवार को करेली में जिस तरह से अटैक में आरिफ ने एसिड का इस्तेमाल किया उससे एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।

पुरानी घटनाओं की याद हुई ताजा
जिले में एसिड से अटैक की घटनाएं इसके पूर्व भी होती रही हैं। शहर के शिवकुटी स्थित गोविंदपुर में युवक द्वारा एसिड अटैक की घटना आज तक लोग भुल नहीं पाए हैं। मां और पिता से मार पीटकर कर रहे पड़ोसियों पर एसिड फेंका गया था। सूचना पर पहुंची पुलिस के ऊपर भी वह दर्जनों बोतल एसिड से अटैक कर दिया था। इस घटना में सात पुलिस के जवान सहित कुल 13 लोग झुलस गए थे। बुधवार को करेली में आरिफ के जरिए किए गए हमले में प्रयोग की गई एसिड एक बार फिर पुरानी घटनाओं की याद लोगों के जेहन में ताला कर दी। इस घटना से सवाल यह उठता है कि रोक के बावजूद इतनी आसानी से लोगों को एसिड मिल कैसे रही है। प्रश्न यह भी कि एक दो बोतल की बात होती तो मान लिया जाता कि वह टॉयलेट में प्रयोग के लिए कहीं से खरीदा होगा। मगर उसके द्वारा एसिड की फेंकी गई बोतलों की संख्या प्रत्यक्षदर्शी व दबी जुबान कुछ पुलिस के जवान दर्जनों में बता रहे हैं। ऐसी स्थिति में कहा जा सकता है कि यदि एसिड की उपलब्ध इसी तरह आसान रही तो एसिड अटैक की घटनाओं पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाना मुश्किल हो जाएगा।

जिले में हुई एसिड की घटनाएं
आठ अगस्त 2022 को हिम्मतगंज की रजनी चौधरी घर से बैंक जा रही थीं। स्कूटी सवार रजनी के ऊपर कुछ युवकों ने तेजाब फेक दिया था। फेंके गए तेजाब की वजह से वह झुलस गई थीं। बताते हैं कि वह बैंक में प्रबंधक के पद पर तैनात हैं।

अगस्त 2019 में एक सिरफिरे युवक ने शिवकुटी गोविंदपुर जीशान मार्केट के पास ईश्वरशरण डिग्री कॉलेज से रिटायर शिक्षक प्यारे मोहन सिन्हा के बेटे राजीव उर्फ राजू एसिड अटैक किया था। परिवार को कमरे में बंद कर दिया था। बचाने पहुंची पुलिस टीम पर तेजाब से हमला किया था। सात पुलिस कर्मी सहित 13 पुलिस के जवान झुलस गए थे।

वर्ष 2013 में छात्राओं से छेड़छाड़ का विरोध करने पर दो युवकों ने बृजरानी देवी पर एसिड फेक दिया था। इससे वह झुलस गई थी। झुलसने से उसकी हालत काफी गंभीर हो गई थी। मामले में बीरबल नामक युवक पकड़ा गया था।

वर्ष 2014 में सरायइनायत एरिया में सुशीला नामक महिला पर उसके प्रेमी ने सोते समय एसिड फेक दिया था। इससे वह झुलस गई थी। घटना मई महीने में हुई। इलाज के दौरान सुशीला की मौत हो गई थी।

वर्ष 2015 में करेली की रहने वाली एक युवती पर एसिड अटैक कर दिया गया था। घटना उस वक्त हुई थी जब वह सिविल लाइंस जाब करके स्कूटी से घर लौट रही थी। वारदात को अंजाम देने के बाद हमलावर भाग गए थे।

2014 में 21 मार्च को एक युवती की बॉडी झूंसी में मिली थी। जांच बाद पुलिस ने बताया था कि उसका चेहरा एसिड से झुलसा हुआ है। उससे उसकी पहचान मुश्किल हो गई थी। संयोग था कि मौके पर मिले एक सिम कार्ड से उसकी पहचान सरायइनायत की निवासी के रूप में हुई थी।

जानकार बताते हैं कि वर्ष 2014 में ही घूरपुर एरिया में कोचिंग पढ़ कर घर लौटी कक्षा नौ की छात्रा पर घर में घुस पर एसिड फेक दिया था। एसिड फेकने वालों का पता नहीं चल सका था। उसका इलाज एसआरएन हॉस्पिटल में कराया गया था।

वर्ष 2012 में कोतवाली के रेड लाइट एरिया में दो लड़कियों पर एसिड अटैक हुआ था। अटैक करने वालों का पता नहीं चल पाया था। एसिड के अटैक से युवतियों का चेहरा पूरी तरह खराब हो गया था। दोनों एक दूसरे की दोस्त बताई गई थीं।