प्रयागराज ब्यूरो । यदि आप चाहते हैं कि स्वच्छता सर्वेक्षण में जिले को टॉप रैंक मिले तो इसके लिए आगे आकर फीड बैक देना होगा। ऑनलाइन होने वाले इस सर्वे में स्वच्छता व व्यवस्था को लेकर कुल नौ प्रश्नों के उत्तर देने हैं। यह उत्तर सीधे पब्लिक को अपने मोबाइल या साइबर कैफे के जरिए दिया जाना है। एक-एक व्यक्ति के पाजिटिव उत्तर ही सफाई के मामले में जिले को बेहतर रैंक मिलने में सहायक होगे। इस सर्वेक्षण में आप कैसे हिस्सा ले सकते हैं हम आप को भी बताएंगे, मगर इसके पहले जान लीजिए कि पब्लिक की इसी ओपीनियन के आधार पर सरकार व सर्वेक्षण टीम नगर निगम की व्यवस्था को जज करेगी। जरूरी नहीं कि आप पाजिटिव थॉट के साथ ही उत्तर दें। प्रश्नों के आगे 'नहींÓ के भी आप्शन दिए गए हैं। यह आप्शन भी चुन सकते हैं। सवालों की संख्या बढ़ाकर चार से अब नौ कर दी गई है। अब आप अपने आसपास की सफाई को लेकर कितनी रेटिंग देंगे? यह खुद डिसाइड कर लीजिए। अगस्त महीने तक आप के फीडबैक दे सकते हैं।
फिर खुल जाएगी दावे की पोल
स्वच्छता सर्वेक्षण किसी भी शहर में सफाई की स्थिति को जानने के लिए खुद सरकार के द्वारा कराया जाता है। इस शहर में सफाई का सारा दारोमदार नगर निगम है। स्वच्छता के नाम पर यहां हर साल करोड़ों रुपये किसी न किसी रूप में खर्च किए जाते है। बताते चलें कि शहर में सफाई को बेहतर बनाने के लिए करीब साढ़े तीन हजार सफाई कर्मियों की तैनाती है। यह सफाई कर्मी ज्यादातर आउट सोर्सिंग और संविदा पर रखे गए हैं। लोग घरों से निकला कचरा रोड पर नहीं फेंके इसके लिए डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन का प्रबंध किया गया है। टेंडर के जरिए प्राइवेट कंपनियों के द्वारा गाडिय़ों को लगाकर घर-घर कूड़ा का कलेक्शन कराया जा रहा है। करीब एक लाख डस्टविन जगह-जगह लगाए गए हैं। हर जगह तीन तरह के डस्टविन हैं। एक में सूखा तो दूसरे में गीला एवं तीसरे डस्टविन में घरेलू कचरा डालने का प्राविधान है। लोग कचरा डस्टविन में ही डालें इसके लिए जागरूकता कार्यक्रम भी समय समय पर नगर निगम द्वारा चलाए जाने का दावा किया जाता है। शहर के अंदर हर रोज करीब साढ़े 600 मीट्रिक टन कचरा निकल रहा है। जिसे डिस्पोज करने के लिए नैनी के बसवार में प्लांट लगाया गया है। सुबह के वक्त शहर में सफाई कर्मियों के जरिए झाड़ू लगाए जाने की भी व्यवस्था है। सफाई पर इतनी व्यवस्था और पैसा खर्च हो रहा है तो शहर में स्वच्छता की कंडीशन क्या है? इसी का उत्तर जानने के लिए हर साल सरकार स्वच्छता सर्वेक्षण कराती है। इस स्वच्छता सर्वेक्षण में पब्लिक से ऑनलाइन ओपीनियन मांगी जाती है। लोगों के द्वारा 'यसÓ या 'नोÓ में दिए गए ओपीनियन के आधार पर ही सफाई के मामले में जिले की रैंकिंग तय की जाती है। इस रिपोर्ट से सरकार को यह पता चलता है कि शहर में सफाई को लेकर कितने सजग और जारूक हैं और नगर निगम की स्वच्छता योजनाओं का कितना लाभ लोगों को मिल रहा है।
इस तरह घर बैठे दे सकते हैं रेटिंग
स्वच्छता सर्वेक्षण में ओपनीनियन देने के लिए चार आप्शन दिए गए हैं जिसे अपने कम्प्यूटर या मोबाइल पर ओपन कर सकत हैं। पहला आप्शन है स्वच्छता सर्वेक्षण एप। ऑनलाइन जाकर इसे सर्च करना होगा। इसके बाद पेज खुलकर सामने आ जाएगा। इसमें दिए गए क्यूआर कोड को स्कैन करते ही नौ सवाल सामने होंगे। जिनमें शहर में स्वच्छता व इंतजाम से जुड़े उत्तर 'हांÓ या 'नहींÓ में देना होता है।
दूसरा माई गवर्नमेंट एप है, इस एप को भी ऑनलाइन खोलते ही क्यूआर कोड आएगा जिसे मोबाइल के जरिए ओपन करके सवालों का जवाब शहर का कोई भी व्यक्ति हां या नहीं दे सकता है। ध्यान रहे कि इसमें लिखना कुछ भी नहीं बस हां या नहीं पर क्लिक करके ओके कर देना है।
स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 फॉर यूर सिटी एप तीसरा माध्यम है इसे भी मोबाइल पर गूगल बाबा पर सर्व करते ही नगर निगम का सर्वेक्षण चार्ट आ जाएगा। जिसमें दिए गए कुल नौ प्रश्नों के उत्तर किसी भी जिले के नागरिक को हां या नहीं में देना है। स्वच्छता सर्वेक्षण में पार्टिशिपेट के लिए चौथा आप्शन क्यूआर कोड 2023 योर सिटी वेब को सर्च करके आने वाले क्यूआर कोड को आपन करके आप जिले को रेटिंग दे सकते हैं।
ध्यान रहे कि क्यूआर कोड को मोबाइल पर स्कैन करने के बाद ओटीपी आएगी, यह ओटीपी नंबर सामने ओपन हुए चार्ज में दिए गए ऑप्शन पर लिखकर ओके करना होगा। जैसे ही आप ओके पर क्लि करक करेंगे नगर निगम का स्वच्छता सर्वेक्षण चार्ज प्रश्नों के साथ सामने आ जाएगा।
पूछे जाने वाले सवालों का ऐसे दें उत्तर
क्या आप के घर में कचरे को अलग-अलग करते हैं? (हां या नहीं)
क्या आपके घर से हर दिन कचरा एकत्रित किया जाता है? (हां या नहीं)
क्या आपके घर के नाले या ड्रेंस द्श्यमान रूप से साफ हैं? (हां या नहीं)
क्या आप अपने शहर में आरआरआर (कूड़ा कम उत्पन्न करें, पुन: उपयोग करें और रीसाइकल करें केंद्र के बारे में जागरूक हैं?) (हां या नहीं)
क्या आपने हाल ही में अपने शहर में कोई सामुदायिक शौचालय या सार्वजनिक शौचालय (सीटी/पीटी) का उपयोग किया है? (हां या नहीं)
क्या शहर में सामुदायिक शौचालय या सार्वजनिक शौचालय स्वच्छ और अच्छी तरह से रखे गए हैं? (हां या नहीं)
क्या आपको ज्ञात है कि आप डिजिटल मानचित्रों या मैप पर नजदीकी सामुदायिक शौचालय अथवां सार्वजनिक शौचालय (सीटी/पीटी) को खोज सकते हैं? (हां या नहीं)
आप अपने आस पड़ोस की साफ सफाई को कितनी रेटिंग देंगे? (संतुष्ट, बहुत संष्तुष्ट, निष्पक्ष असंतुष्ट, बहुत असंतुष्ट)
आप अपने श्हार की समग्र स्वच्छता को कितना रेट करेंगे? (संतुष्ट, बहुत संष्तुष्ट, निष्पक्ष असंतुष्ट, बहुत असंतुष्ट)
ऐसे होगा अंकों का बंटवारा
4525 अंक सर्विस परफार्मेंस के लिए हैं।
2500 अंक सर्टिफिकेशन के लिए।
2475 अंक सिटीजन वाइस के लिए।
अधिकारियों का भी है फीडबैक लक्ष्य
सभी जोनल अफसर 1000
जोनल सफाई अधिकारी 1000
सभी सहायक अभियंता निर्माण, जलकल व पथ प्रकाश 500
सभी अवर अभियंत, जलकल एवं प्रकाश 500
समस्त कर निरीक्षक 1000
समस्त सुपरवाइजर पथ प्रकाश निर्माण, जलकल 500
समस्त कार्यालय लिपिक व कनिष्ठ लिपिक 500
समस्त कम्प्यूटर ऑपरेट 500
शहर को स्वच्छ बनाने के लिए पूरी ताकत के साथ प्रयास किए जा रहे हैं। पब्लिक को जागरूक भी किया जा रहा है। स्वच्छता सर्वेक्षण पब्लिक ओपीनियन के जरिए किया जाता है। यह सर्वे सीधे शासन स्तर से कराया जाता है।
उत्तम कुमार वर्मा, पर्यावरण अभियंता