प्रयागराज (ब्यूरो)। कच्ची सड़क दारागंज के रहने वाले दिव्यांशु निर्भय एमबीबीएस के स्टूडेंट हैं। बुधवार दोपहर में 75 स्टूडेंट को लेकर दो बसें किल कुलाइड सिटी से मालदोवा बार्डर के लिए निकली थीं। दिव्यांशु ने बताया कि मालदोवा पहुंचने के बाद हमें रोमानिया पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा अभी तक हम लोग सुरक्षित हैं और सभी हमारा सपोर्ट कर रहे हैं। बोले दूसरी बस में प्रयागराज का एक और स्टूडेंट है। अब हम लोग खुद को खतरे से बाहर महसूस कर रहे हैं।
सहायता के लिए पहुंचे अप्रवासी भारतीय
ट्रांसपोर्ट नगर के रहने वाले श्रेयस त्रिपाठी मंगलवार की शाम चार बजे रोमानिया बार्डर पर पहुंच गए थे। खबर लिखे जाने तक वह बार्डर पर बनाए गए शेल्टर में ही अपना नंबर आने का इंतजार कर रहे थे। उन्होंने बताया कि एंबेसी की ओर से हमे खाना दिया जा रहा है। इसके अलावा रोमानिया में रहकर जॉब करने वाले भारतीय भी अब सहायता के लिए आगे आ रहे हैं। उनकी ओर से खाना और दूसरी जरूरत के सामान उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उनके पिता राजेश त्रिपाठी नेवी से रिटायर्ड हैं।
एक और बेटी सुरक्षित पहुंची देश
रम्मन का पुरा सुलेम सराय के रहने वाली रुचि पांडेय के बड़े भाई सुनील पांडेय का खुशी का ठिकाना नही था। उन्होंने बताया कि उनकी बहन रुचि पांडेय देर शाम तक प्रयागराज पहुंच जाएगी। उसे दिल्ली से वाया रोड रवाना कर दिया गया है। वह चर्नाेपिल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस थर्ड ईयर की छात्रा है और वह पोलैंड बार्डर से दिल्ली के लिए रवाना हुई थीं। फ्लाइट के इंतजार के लिए उन्हें एक दिन बार्डर पर इंतजार करना पड़ा।
बैग पैक हो गया, बस रवानगी का इंतजार
यूक्रेन के खारकीव के नजदीक बसे सूमी सिटी में फंसे भारतीय स्टूडेंट्स में प्रयागराज के प्रीतम नगर की रहने वाली अर्पिता कुशवाहा भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि एंबेसी से स्टूडेंट्स के पास मैसेज आया है कि वह अपना सामान पैक कर लें। कभी बुलावा आ सकता है। सभी को पौलेंड या रोमानिया के बार्ड पर ले जाकर फ्लाइट से इंडिया रवाना किया जाएगा। उनके साथ इंडिया के 700 स्टूडेंट हैं। सभी अपने देश जाने के लिए लालायित हैं। उन्होंने बताया कि खाने का सामान काफी कम बचा है। अगर जल्द ही नही निकाला गया तो खाने के लिए कुछ नही बचेगा। वह बिजनेसमैन धनंजय कुशवाहा की बेटी हैं। उनकी बहन श्रुति उनके जल्द आने की दुआ भगवान से कर रही हैं।
ढूंढते रहे शिवम का स्टेटस, पहुंचे ढांढस बंधाने
इस बीच प्रशासनिक अधिकारियों ने बुधवार को यूक्रेन में फंसे छात्रों के पैरेंट्स को सांत्वना देने का काम किया। सदर तहसीलदार ने कई पैरेंट्स से मिलकर बताया कि उनका बेटा या बेटी जल्द आ जाएंगे। उनके लिए हमारी गवर्नमेंट काम कर रही है। इस बीच यूक्रेन से प्रयागराज शिवम यादव के आने की खबर रही। लेकिन उनका पता और मोबाइल नंबर नही मिल पाने से प्रशासन इसे सर्च करता रहा।