प्रयागराज ब्यूरो, मामले की जांच के लिए सीएमओ डॉ। नानक सरन ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया। कमेटी ने बमरौली स्थित ग्लोबल हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर का निरीक्षण किया। जांच में पाया गया कि यहां भर्ती मरीज प्रदीप को हालत सीरियस होने पर प्रयाग हार्ट केयर सेंटर में रेफर किया गया था। लेकिन उनकी जांच में लगे डॉक्टर कमेटी के सामने प्रस्तुत नही हुए। यह भी पाया गया कि मरीज को समय रहते रेफर नही किया गया, जिससे उसकी मौत हो गई। इलाज में लापरवाही के चलते अस्पताल को कमेटी ने तत्काल सील कर दिया। मौके पर यहां तीन मरीज भर्ती पाए गए। कमेटी का कहना है कि अस्पताल का यह कृत्य मेडिकल स्टैब्लिशमेंट एक्ट की भावना के विपरीत पाया गया है। मामले की संपूर्ण जांच पूरी होने तक अस्पताल का लाइसेंस भी निलंबित कर दिया गया है।

दर्ज हुआ बयान, होगी सैंपलिंग

इसके साथ डीएम ने तीमारदार के पास रखे हुए प्लेटलेट की सैंपलिंग के निर्देश दिए हैं। यह कार्य ड्रग विभाग द्वारा किया जाना है। ड्रग इंस्पेक्टर गोविंद गुप्ता ने बताया कि प्रॉसेस चल रही है और जल्द ही सैंपलिंग की जाएगी। जिससे जांच में पता चलेगा कि प्लेटलेट है या कोई और कम्पोनेंट। यह भी बता दें कि मरीज को जो प्लेटलेट चढ़ाया गया था उस पर लगा एसआरएन अस्पताल का लेबल भी फेक पाया गया है। अस्पताल ने उसे अपना मानने से मना कर दिया है। बैग में भरा कम्पोनेंट पीले रंग है। इसके अलावा एसीएमओ डॉ। एके तिवारी के नेतृत्व में गई टीम ने मृतक प्रदीप पांडेय के साले सौरभ त्रिपाठी (तीमारदार) का बयान भी दर्ज कर लिया है।

गुमनाम मौतों को भी मिलेगा नाम

बुखार से लगातार हो रही मौतों के कारणों की भी जांच होगी। इसके लिए सीएमओ ने दो टीमों का गठन किया गया है। यह टीमें मौके पर जाकर मौतों के कारणों का पता लगाएंगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के वेक्टर बांड कार्यक्रम नोडल डॉ। सुनील कुमार सिंह और पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉ। वरुण क्वात्रा को प्रभारी बनाया गया है।

इस मामले में कार्रवाई की जा रही है। हम लोग पता लगा रहे हैं कि प्लेटलेट की जगह मरीज को क्या चढ़ाया गया है। उसकी मौत का कारण क्या है। यह जांच का विषय है और इसके बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।

संजय कुमार खत्री, डीएम

हमारी जांच टीम की आख्या पर हॉस्पिटल को सील कर दिया गया है। उसका लाइसेंस भी निलंबित किया गया है। प्लटेलेट की सैंपलिंग भी कराई जा रही है।

डॉ। नानक सरन, सीएमओ