प्रयागराज (ब्‍यूरो)। कचहरी के पास एयरो प्लेन चौराहे पर स्थित बिल्डिंग में मां भगवती मदर एण्ड चाइल्ड हॉस्पिटल स्थित है। बिल्डिंग के ग्राउंड और फस्र्ट फ्लोर पर डॉ। हर्षित द्विवेदी हॉस्पिटल चलाते हैं। जबकि सेकंड फ्लोर पर वह परिवार पत्नी डॉ। गरिमा द्विवेदी, बेटा स्वर्णिक द्विवेदी, बेटी नव्या व अंजली एवं डॉ। हरदीप के साथ रहते हैं। बताते हैं कि फस्र्ट फ्लोर वह वार्ड और ओटी का पूरा सिस्टम बना रखे हैं। हॉस्पिटल के एनआईसीयू में डेढ़ माह का यस, तीन माह की मोहदावान व दो माह की मास्टर श्रीनयन आईसीयू वार्ड और आयशा दस माह की प्राइवेट वार्ड में भर्ती थी। इन बच्चों की तीमारदारी के लिए परिजन भी हॉस्पिटल में ही थे। इस बीच ओटी में रखी फ्रिज के अंदर शार्टसर्किट से उठी चिंगारी शोला बन गई। ऑपरेशन थिएटर (ओटी) के फ्रिज में लगी आग देखते ही देखते पूरे कमरे में फैल गई। धुएं का गुबार वार्डों तक पहुंचा तो लोगों को हॉस्पिटल में आग लगने की जानकारी हुई। मालूम चलते ही मरीज और तीमारदार व कर्मचारियों में चीखपुकार मच गया। डॉ। हर्षित भाग कर वार्डों में पहुंचे और तीमारदारों व मरीजों को सेकंड फ्लोर पर भेज दिए।
धुआं देखकर आने-जाने वाले सहमे
हॉस्पिटल की खिड़की से निकल रहे धुएं को देख रोड से निकल रहे यात्री व आसपास के लोग भी शोर मचाने लगे। तब तक किसी ने जानकारी फायर ब्रिगेड को दे दी थी। अग्निशमन अधिकारी नागेंद्र प्रसाद द्विवेदी दो टीम के साथ पहुंचे पर पहुंचे। तब तक धुएं को बाहर निकालने के लिए पब्लिक शीशे की लगी विंडो तोड़ चुकी थी। आग पर काबू पाने के लिए फायर ब्रिगेड के जवान पानी का फव्वारा मारना शुरू किए। इस पानी से आग तो बुझ गई, मगर अंदर लगी लाखों की मशीनें कुछ मशीने जलकर तो कई पानी के चलते खराब हो गईं। बिल्डिंग से सुरक्षित निकलने के बाद डॉक्टर का परिवार व मरीजों के तीमारदार राहत की सांस लिए।

कुछ दूसरे अस्पताल तो कई गए घर
आग बुझने के बाद मां भगवती मदर एण्ड चाइल्ड हॉस्पिटल में एडमिट रहे मरीजों को लेकर तीमारदार दूसरे अस्पतालों में चले गए। बताते हैं कि कुछ तीमारदार मरीज को लेकर घर गए हैं। गनीमत यह रही कि हॉस्पिटल में लगे फायर इंस्टीब्यूशर सिस्टम काम कर रहे थे। यदि आग बुझाने की सारी व्यवस्थाएं हॉस्पिटल में नहीं होतीं तो आग ग्राउंड व सेकंड फ्लोर तक भी पहुंच सकती थी। पानी की पर्याप्त व्यवस्था होने के कारण फायर ब्रिगेड के जवानों को आग बुझाने में काफी मदद मिली।

घटना में सभी मरीज व तीमारदार एवं कर्मचारी सुरक्षित हैं। मशीनें और बेड आदि का बड़ा नुकसान हुआ है। नुकसान की डिटेल काउंट के बाद ही बता पाएंगे। मेंटिनेंस का काम पूरा होने तक हॉस्पिटल बंद रहेगा।
डॉ। हर्षित द्विवेदी हॉस्पिटल संचालक

बिल्डिंग के सेकंड फ्लोर पर फंसे डॉक्टर फैमिली सहित कुल नौ लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। आग लगने की वजह ओटी में रखी फ्रिज के अंदर हुई शार्टसर्किट है। चूंकि अंदर आग बुझाने के स्टूमेंट काम कर रहे थे। इस लिए बहुत ज्यादा दिक्कत नहीं हुई।
नागेंद्र प्रसाद द्विवेदी अग्निशमन अधिकारी सिविल लाइंस