प्रयागराज ब्यूरो । झांसी मेडिकल कॉलेज के शिशु वार्ड में लगी आग की आंच लगने पर नींद से उठे यहां के अफसर हॉस्पिटलों की जांच में जुटे हैं। एडमिट बच्चों व मरीजों की सुरक्षा को लेकर अस्पतालों में फॉयर स्टूमेंट चेक किए जा रहे हैं। साथ ही वहां के कर्मचारियों को उपकरणों के संचालन की ट्रेनिंग भी जा रही है। फायर ब्रिगेड के आंकड़ों पर जाएं तक अभी तक जिले के कुल 80 अस्पतालों में फायर सिस्टम की चेकिंग की गई। इस बीच कार्रवाई के लिए पांच हॉस्पिटल को अफसरों ने रेड मार्क किया है। अब इन अस्पतालों को विभाग के जरिए नोटिस दी जाएगी। नोटिस बाद भी सुधार नहीं होने पर विभाग कार्रवाई के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र लिखेगा। नोटिस भेजने के पूर्व अधिकारी चिन्हित किए गए हॉस्पिटलों का नाम बताने से कतराते रहे। नाम सार्वजनिक नहीं करने के पीछे की वजह कुछ खास कारण बताए गए हैं। साथ ही वह महाकुंभ एरिया का निरीक्षण किए।

पहले देंगे नोटिस फिर बताएंगे नाम
शहर में सरकारी हों या फिर प्राइवेट हॉस्पिटल, हर जगह आग से सेफ्टी को लेकर पुख्ता इंतजाम हैं या नहीं? लगाए गए फायर सेफ्टी उपकरणों के हालात की जांच करने के लिए कुल आठ टीमें गठित की गई हैं। विभागीय दावा है कि इस टीम के जरिए झांसी में हुई घटना के बाद जिले भर में 80 हॉस्पिटलों में फायर सेफ्टी को लेकर लगाए गए उपकरणों की जांच की गई। इस बीच पांच ऐसे हॉस्पिटल मिले हैं जहां पर इन उपकरणों की स्थिति काफी खराब है। हॉस्पिटल व क्लीनिक संचालकों के जरिए लगाए गए उपकरणों की रिपेयरिंग व मेंटिनेंस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ऐसी स्थिति में अब उन क्लीनिक और हॉस्पिटलों को विभाग विभाग नोटिस देगा। चिन्हित ऑस्पिटलों व क्लीनिक के नाम बताने के सवाल पर अफसरों खामोश हो गए। कहना था कि नोटिस के पूर्व नाम सार्वजनिक करने पर संचालकों के जरिए अकारण प्रेशर बनाए जाएंगे। इस लिए कार्रवाई के पहले चिन्हित क्लीनिक व हॉस्पिटल के नाम वह सार्वजनिक नहीं करेंगे। रविवार को भी टीम के जरिए जांच की गई। इनमें श्यामकली पाली क्लीनिक गौहनिया घूरपुर, एसएन हॉस्पिटल गौहनिया घूरपुर, शिवम चिल्ड्रेन हॉस्पिटल गौहनिया घूरपुर शामिल हैं। चेकिंग के दौरान यहां क्लीनिक और हॉस्पिटल में फायर सेफ्टी के संयत्र लगे हुए मिले हैं। उन उपकरणों को चलाने के लिए वहां तैनात कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी गई। कुछ सिलेंडर काफी पुराने थे, उसे बदल कर नए लगाने के निर्देश दिए गए हैं।

संतों के कैंप में भी चेक करें अग्नि सुरक्षा
महानिदेशक अग्निशमन तथा आपात सेवा अविनाश चंद्र ने रविवार को महाकुंभ मेला क्षेत्र का भ्रमण किया। निरीक्षण के दौरान वह अरैल घाट की तरफ बनने वाले अग्निशमन केंद्रों, सोमेश्वर महादेव मंदिर अग्निशमन केंद्र, मुख्यालय व कोतवाली अग्निशमन केंद्र, आपात सेवा महाकुंभ मेला झूंसी साइड बनने वाले अग्निशमन केंद्रों व घाटों का भी मुआयना किए। निरीक्षण के बाद अग्निशमन केंद्रों के निर्माण में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मेला क्षेत्र में साधु संतों के अखाड़ों में भी अग्नि सुरक्षा को लेकर चेकिंग की जाय। अखाड़ों व बाड़ों एवं कार्यालयों में चेकिंग के दौरान फायर ब्रिगेड के जवान बिजली विभाग की टीम को भी साथ लेकर जाएं। ताकि यदि कहीं वायरिंग में गड़बड़ी से आग लगने की आशंका हो तो तत्काल दुरुस्त कराया जा सके।

विभाग द्वारा गठित की गई टीम के जरिए दर्जनों हॉस्पिटलों में फायर सेफ्टी उपकरणों की चेकिंग की गई। पांच जगह काफी कमियां पाई गई हैं। उन्हें चिन्हित कर लिया गया है। इन पांचों हॉस्पिटलों के खिलाफ विभाग नोटिस जारी करेगा।
आरके पांडेय, मुख्य अग्निशमन अधिकारी