कोरोना संक्रमण में जान गवां चुके लोगों के परिजन फोटो फ्रेम में सहेज रहे हैं उनकी तस्वीरें
मांग बढ़ने से शहर के स्टूडियों में बढ़ गए फोटो फ्रेम के ऑर्डर
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में बहुतों ने अपनों को खोया है। परिजनों को ऐसा मानसिक आघात लगा है कि उनसे उबरने की वह हर संभव कोशिश कर रहे हैं। उनक साथ बिताए हुए पलों और यादों को सहेज रहे हैं। लेकिन इन यादों को संजो पाना आसान नहीं है। परिजन फोटो फ्रेम बनवाकर उनकी यादों को ताजा रखने की कोशिश कर रहे हैं। परिजनों का कहना है कि तस्वीरें यादों को सालों तक ताजा रखती है और इसे बनवाना आसान है। वहीं दूसरी तरफ मांग बढ़ने से शहर के तमाम फोटोग्राफरों के लिए तय मियाद पर ऑर्डर पूरा करना मुश्किल हो गया है।
इस साइज की सबसे ज्यादा है डिमांड
बाजार में इन दिनों 12ख्*15, 16म्*20 और 200*24 फ्रेम की मांग अधिक है। वैसे तो इस फ्रेम की मांग आम दिनों में कम ही रहती है लेकिन अप्रैल-मई माह में इसकी मांग एकबारगी बढ़ गई है। वहीं फोटोग्राफरों के लिए तय मियाद पर काम पूरा करना मुश्किल हो गया। सिटी के तमाम फोटोग्राफरों व स्टूडियो मालिकों को प्रतिदिन चार दर्जन से अधिक आर्डर मिल रहा है। सभी का बस यही कहना था यादों
को सहेजने के लिए तस्वीरें बनाई जा रही हैं। फोटो फ्रेम के साथ ही लोग फ्लैक्स तक बनवा रहे हैं।
फोटो फ्रेम और फ्लैक्स के प्रकार
- फोटो पेपर
- कोरेक्स शीट पर लेमीनेशन
- टिक बोर्ड लेमिनेशन
- एलईडी फोटो फ्रेम, फ्लैक्स
- पेस्टिंग फ्रेम और फ्लैक्स
- मॉल्डिंग
- हार्ड फॉर्म वाले फ्रेम और फ्लैक्स
- वाल पेपर
- सिंथटिक कैनवास
लॉकडाउन के दौरान भी काफी लोगों के कॉल फोटो फ्रेम बनवाने के लिए आते थे। अनलॉक होने पर एकाएक ऑर्डर आ गए है। समय पर ऑर्डर देना तक मुश्किल हो गया है। हर कोई अपनों की यादों को घरों के दीवारों पर संजोने में लगे हैं।
अवंतिका टंडन, टंडन स्टूडियो
रोजाना लगभग दस से बीस फोटो फ्रेम का आर्डर मिल रहा है। कोरोना से पहले इतने आर्डर नहीं आते थे। लोगों के पास यादों को संजोने का इससे बेहतर दूसरा कोई विकल्प नहीं है। अब यह ही उनके साथ रह गया है।
शिवम सूरी, सूरी फोटोस कर्नलगंज एरिया
लॉकडाउन के दौरान भी कई फोटो फ्रेम तैयार करके डिलीवरी की गई है। दुकान खुलने के बाद भी ऑर्डर काफी आ रहा है। सबसे ज्यादा साइज 12*15, 16*20, और 20*24 का आ रहा है। यह साइज पहले बहुत बनाने को आते थे। लेकिन इस दो महीने में काफी बढ़ गई है।
-पंकज टंडन, बीआर टंडन स्टूडियो
15
से 20 फोटो फ्रेम का ऑर्डर लगभग सभी दुकानदारों का मिल रहा है।
483
फोटो फ्रेम लॉकडाउन के दौरान लैब से बनवा चुके है लोग
832
फोटो फ्रेम अनलॉक के बाद बन चुके हैं
04
से पांच फोटो फ्रेम का ऑर्डर कोरोना काल से पहले दिनभर में नहीं मिलता था
तस्वीरों को देखकर जी रहे
बेटे की मौत के बाद सदमे से उभर नहीं पा रहा हूं। ऐसा लग रहा है कि घर का सब कुछ चला गया है। जीने की उम्मीद तक टूट गई है। अपनों को खोने का दर्द अपने ही जान सकते हैं। उसके हर चीज को देखने के बाद सिर्फ आंखों से आंसू ही निकलता है। अपने रूम में उसकी यादों को संजोने के लिए फोटो फ्रेम बनवाया हूं।
बनवारी लाल, परिजन
कोरोना ने पत्नी को छीन लिया। उनकी यादों के उजाले सहेजने को फोटो फ्रेम बनवाया है। अब यह ही मात्र एक सहारा बचा है। इन तस्वीरों के जरिये यादों को संजोना बड़ा मुश्किल हो रहा है। उनके पुराने यादों की कुछ तस्वीरों के फ्लैक्स बनवाने के लिए ऑर्डर किया है। एक महीने से अधिक का समय बीत चुका है। आज भी इन तस्वीरों को देख कर ही जी रहे हैं।
पीएन सिंह, परिजन