प्रयागराज (ब्‍यूरो)। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम-2023 का प्रकाशन 21 अगस्त को हो जाने के फलस्वरूप उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम 1980 को समाप्त कर दिया गया है। इस क्रम में उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग, प्रयागराज निष्प्रभावी हो गया है। इसका आदेश प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा एमपी अग्रवाल ने 17 मई को जारी कर दिया। इसी के साथ उच्चतर आयोग में कार्यरत एकमात्र सदस्य डा। राजनारायण की सदस्यता राज्यपाल की स्वीकृति के साथ तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई।

महाविद्यालयों में कराता था भर्ती
उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग अब तक अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर एवं प्राचार्य पदों पर भर्ती परीक्षाएं कराकर चयन करता था। इस आयोग ने विज्ञापन संख्या 51 के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर के 1017 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी कर जुलाई-अगस्त 2022 में आनलाइन आवेदन लिए थे। इसके लिए 90 हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं, लेकिन परीक्षा नहीं हुई है। अब यह भर्ती उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा आयोग द्वारा कराई जाएगी। निष्प्रभावी हो गए उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग के अधिकारी एवं कर्मचारी शासन के निर्देश पर नए चयन आयोग में पहले से ही बैठने लगे हैं। इसी तरह एडेड माध्यमिक विद्यालयों में प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) एवं प्रवक्ता संवर्ग (पीजीटी) के साथ प्रधानाचार्यों की भर्ती करने वाले उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के कर्मचारी भी नए चयन आयोग के लिए कार्य कर रहे हैं। चयन बोर्ड की टीजीटी-पीजीटी भर्ती के लिए आवेदन लिए गए हैं, लेकिन 4163 पदों के लिए परीक्षा नए चयन आयोग को करानी है। चयन आयोग में अध्यक्ष एवं सभी 12 सदस्यों की नियुक्ति के बाद हुई पहली बैठक में चुनाव बाद दोनों भर्तियों की परीक्षा के आयोजन की तैयारी करने के लिए निर्देश दिए जा चुके हैं।