प्रयागराज (ब्यूरो)। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के केंद्रीय पुस्तकालय मे दृ़ष्टि बाधित छात्रों के लिए पढ़ाई की राहत अधिक आसान होने जा रही है। उनके लिए स्मार्ट स्टडी लैब का निर्माण कराया जा रहा है। जिसमें उनको पढ़ाई का बेहतर माहौल मिलेगा। वर्तमान में विवि में पंजीकृत दिव्यांगो की संख्या चालीस है। जानकारी के मुताबिक लैब मे टोटल दस कंप्यूटर की व्यवस्था होगी। जिसकी सहायता से छात्र अपनी पढाई आसानी से कर सकेंगे। विवि प्रशासन का कहना है कि लैब का निर्माण जल्द ही पूरा कराया जाएगा।
किस तरह से काम करेगी लैब
लैब में कुल दस कम्प्यूटर लगाए जाने हैं और इन कंप्यूटर्स में कई सारी किताबों की ऑडियो और पीडीएफ मोड मे फाईल्स पहले से फीड रहेगी। दिव्यांगों की कटेगरी के हिसाब से केंद्रीय पुस्ताकलय के द्वारा सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। जिन छात्रों मे 40-50 प्रतिशत की दिव्यांगता होगी उनको कंप्यूटर पर किताबों अक्षरों को स्क्रीन पर बड़ा कर दिखाया जाएगा। वहीं जो छात्र पूर्ण रूप से दृष्टि बाधित हैं उनके लिए ऑडियो के रूप मे स्टडी मटेरियल उपलब्ध कराया जाएगा। ताकि छात्र अपनी पढाई आसानी से कर सके।
तीन से पांच फीसदी की गई छूट
विवि में प्रवेश के दौरान दिव्यांग छात्रों को 5 प्रतिशत की छूट दी जाती है। पहले यह छूट 3 प्रतिशत की हुआ करती थी मगर वर्ष 2016 से इसे बढा कर पांच प्रतिशत कर दिया गया। ताकि दिव्यांग छात्रों को प्रवेश मे सहजता हो सके। छात्रावास के एलॉटमेंट के समय मे भी पंाच प्रतिशत की छूट का लाभ मिलती है। इसी के साथ एयू प्रशासन छात्रों की समस्याओं को सुन उनके निवारण का कार्य भी करता है। विभागों की अज्ञानतावश कई सारे छात्रों का प्रवेश रूक जाता है। तो उन छात्रों को मौजूदा रूल्स के मुताबिक उनके स्पेशल अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए एयू मे उनका प्रवेश सुनिश्चित कराया जाता है।
साफ्टवेयर की सहायता से होगी पढ़ाई
दृष्टि बाधित छात्रों के लिए यूनिवर्सिटी मे स्क्रीन रीडिंग की व्यवस्था की जा रही है। (एनबीडीए) नॉन विजुअल डेस्क टॉप एक्सेस साफ्टवेयर की सहायता से दृष्टि बाधित छात्र कंप्यूटर की स्क्रीन को रीड कर सकेंगे। अब सवाल ये आता है की ये काम कैसे करेगा? तो यह काम ऐसे करेगा की छात्र जैसे ही किसी वेबसाइट को खोलेगा वैसे ही साफ्टवेयर एक्सेस हो जाएगा। स्क्रीन पर चल रही सारी गतिविधियों को बोल कर बताता रहेगा। छात्र जैसे ही वहां पर क्लिक करेंगे वैसे ही कर्सर रूक जाएगा। कर्सर के रूकते ही वो उसके बारे मे पूरी जानकरी दे देगा।
इस तरह से करते हैं जागरुक (दृष्टि बाधित दिव्यांगों के लिए
- 15 अक्टूबर को व्हाइट केन दिवस
- 3 दिसंबर को विकलांग दिवस
- 4 जनवरी को ब्रेल दिवस मनाया जाता है। पिछले एक दशक से इन सभी प्रोग्रामों का आयोजन कराया जा रहा है।
यह मिलती है सहायता
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी मे अमूमन जेआरएफ के छात्रों को यूजीसी की ओर से 37 हजार रूपए की फैलोशिप प्रदान की जाती है। मगर दृष्टि बाधित छात्रोंं को 37 हजार रूपए के साथ उनके अटेंडर के लिए 2 हजार रूपए की अतिरिक्त धनराशि प्रदान की जाती है। इसी के साथ केंद्र सरकार की संस्था एनएफपीडब्ल्यूडी की ओर से 37 हजार रूपए की फेलोशिप छात्र को और 2 हजार रूपए की अतिरिक्त धनराशि उसके अटेंडर को प्रदान की जाती है। जिसका उपयोग छात्र अपनी रीसर्च मे कर सकते है।
वर्जन-
सेंटर पर करीब दो सौ टेक्स्ट बुक्स और लगभग चार सौ से अधिक किताबें ऑडियो मे उपलब्ध है। जिसका छात्र लाभ उठा रहे है। जुलाई से हाई टेक स्टडी लैब प्रारंभ हो जाएगी।
डॉ भूपेंद्र सिंह, लाइब्रेरियन, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी
एयू का इंफ्रास्ट्रक्चर दिव्यांग छात्रों के अनुकूल है। यहां पर मुख्य जगह जैसे लाइब्रेरी के इंट्रेंस गेट, रजिस्टार आफिस और डीएसडब्ल्यू आफिस के सामने रैंप की व्यावस्था की गई है।
प्रो आलोक प्रसाद, सेंटर कोआर्डिनेटर
तीन पहिया व्हीलचेयर, बैसाखी की सुविधा इलाहाबाद यूनिवर्सिटी प्रशासन के द्वारा दिव्यांग छात्रों को उपलब्ध कराई जाती है। दृष्टि बाधित छात्रों के लिए प्रशासन द्वारा पर्याप्त मात्रा मे किताबें और पढाई के संसाधन उपलब्ध कराए जाते है।
अंजुल कुमार , दृष्टि बाधित छात्र, माडर्न हिस्ट्री विभाग