पुराने दर पर टैक्स जमा करने की छूट, नगर निगम व राज्य सरकार से जवाब-तलब

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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने श्याम बीड़ी व‌र्क्स उद्योग लि। के होटल कान्हा श्याम की बिना मूल्यांकन प्रक्रिया अपनाये मल्टी प्लामर कर सम्पत्ति कर में भारी वृद्धि की चुनौती याचिका पर राज्य सरकार व नगर निगम से एक माह में जवाब मांगा है और 11 मई 18 को जारी नगर निगम की वसूली नोटिस पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा है कि याची 18 जून 10 को निर्धारित वार्षिक मूल्यांकन के आधार पर सम्पत्ति कर का भुगतान जारी रखे।

यह आदेश जस्टिस पंकज मित्तल तथा जस्टिस अशोक कुमार की खण्डपीठ ने श्याम बीड़ी व‌र्क्स उद्योग की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता अमित शुक्ल व अमित सक्सेना तथा नगर निगम के अधिवक्ता एसडी कौटिल्य ने बहस की। याची अधिवक्ता का कहना है कि होटल कान्हाश्याम का वार्षिक मूल्यांकन 7 लाख 50 हजार किया गया। जो 1 अप्रैल 2011 से लागू हुआ। 2 फरवरी 2015 को मल्टीप्लामर कर मूल्यांकन बढ़ाकर 1 करोड़ 40 लाख 84 हजार 820 रुपये कर दिया गया। इसके आधार पर 15 लाख 80 हजार 317 रुपये सम्पत्ति कर की वसूली नोटिस जारी की गयी। याची का कहना है कि वार्षिक मूल्यांकन की कोई प्रक्रिया नहीं अपनायी गयी। बिना आपत्ति मांगे वार्षिक मूल्यांकन मनमाने तौर पर कर दिया गया। नियमों में संशोधन बैक डेट से लागू नहीं किया जा सकता मल्टीप्लामर की योजना मनमानी है। जिसे रद किया जाय। वास्तविक मूल्यांकन किया ही नहीं गया। बिना विधिक प्रक्रिया अपनाये मूल्यांकन में मनमानी वृद्धि नहीं की जा सकती। कोर्ट ने नगरनिगम व राज्य सरकार से जवाब मांगा है। याचिका की सुनवाई 6 हफ्ते बाद होगी।