प्रयागराज ब्यूरो । हाईकोर्ट बार एसोसिएशन इलाहाबाद के पदाधिकारियों का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद कोषाध्यक्ष की आहरण वितरण में सहमति नहीं ली जा रही। इसके चलते बैंक ने चेकों का भुगतान रोक दिया है। बार एसोसिएशन से जुड़े कर्मचारियों का वेतन, अधिवक्ता निधि भुगतान, चिकित्सीय सहायता, मृत्यु दावा भुगतान, विधवा पेंशन, कार्यदायी संस्थाओं का भुगतान लटका है। संयुक्त सचिव (प्रेस) अमरेंदु सिंह ने अध्यक्ष और महासचिव को पत्र भेजकर समस्या के निराकरण की अपील की है।

कोषाध्यक्ष से मांगा स्पष्टीकरण

कोषाध्यक्ष आशीष मिश्रा का कहना है कि वह चेक पर हस्ताक्षर के लिए मौजूद हैं किंतु किस मद में चेक जारी किया गया है, यह जांचने के लिए दस्तावेज सत्यापित करने नहीं दिया जा रहा। इस बीच एसोसिएशन ने 14 मार्च 2024 को परिसर में एक्यूप्रेशर उपचार केंद्र का शिलापट्ट को हटाने के मामले में कोषाध्यक्ष से 19 मार्च तक सफाई मांगी है। पांच सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई है। एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमित कुमार श्रीवास्तव की विज्ञप्ति में कहा गया कि 14 मार्च को एक्यूप्रेशर केंद्र का शुभारंभ हुआ था। तांबे का शिलापट्ट लगाया गया था। कोषाध्यक्ष आशीष मिश्रा उसे उठा ले गए हैं। यह अनुशासनहीनता है। अधिवक्ता अरुण कुमार शुक्ला, संगम लाल केसरवानी, हरिश्चंद्र मिश्र, अभिषेक मिश्र मनु, मोहित सिंह की पांच सदस्यीय कमेटी गठित कर जांच करने को कहा गया है।

बार के वरिष्ठ उपाध्यक्ष को यह अधिकार नहीं है कि वह कमेटी गठित करें और किसी भी पदाधिकारी से जवाब मांगे। मैं कोषाध्यक्ष हूं, शिलापट्ट पर मेरा नाम नहीं लिखना अनुशासनहीनता है।

आशीष मिश्रा

ट्रेजरार, हाई कोर्ट बार एसोसिएशन