- पागलों सी भटक रही वृद्धा दो साल बाद पहुंची अपनों के बीच
- गुमशुदा तलाश ग्रुप के एडमिट मो। आरिफ की जमकर की तारीफ
PRAYAGRAJ: आंखें नम, दिल परेशां और फरीमा (65) के लब खामोश थे। गंदे कपड़े और बिखरे बाल के बीच झुर्रीदार चेहरे पर अश्क ढरक रहे थे। ऐसा होना भी लाजमी ही था। क्योंकि वजह ही कुछ ऐसी थी। आखिर दो साल बाद वह अपनों से जो मिली थी। बूढ़ी मां की दशा देख उसका बेटा फफक कर रोड़ा तो पति ने गले से लगा लिया। सावन भादों की तरह बरस रही सभी के आंखों में ये आंसू खुशी के थे। आज से दो साल पहले वृद्धा होली के दिन अपनों से जुदा हुई थी। तब से पूरा परिवार उसे खोजकर थक चुका था। उनकी उम्मीदों का पिलर भी ढह चुका था। मगर, गुमशुदा तलाश व्हाट्सएप ग्रुप के एडमिट की मेहनत वृद्धा अपनों के बीच एक बार फिर पहुंच गई। उसके बेटे के मुंह से निकला हे मां तेरी ये दशा, तुझे बहुत खोजे थे हम। उसकी बातें व मां को पाकर खुशी देख सभी भावुक हो गए।
सोशल मीडिया बना मिलन का माध्यम
हुआ यूंकि, उन्नाव के नगर कोतवाली क्षेत्र स्थित छपियान निवासी फरीमा पत्नी जहीर उर्फ लाले का परिवार मौजूदा समय में कानपुर के बजरिया थाना क्षेत्र स्थित नाला रोड पर रहता है। बताते हैं कि 2019 में होली पर फरीमा अचानक घर से गायब हो गई थी। वह भटकते हुए ना जाने कैसे प्रयागराज आ गई। औद्योगिक एरिया के मुंगारी निवासी जय विजय नारायण विश्वकर्मा को फरीमा दुकान के सामने दिखाई दी। वह वृद्धा का फोटो मो। आरिफ से बात कर गुमशुदा तलाश ग्रुप पर वायरल करवा दिया। सोशल मीडिया पर उसकी तस्वीर वायरल हुई तो परिवार वालों की नजर पड़ गई। वह सात फरवरी को ग्रुप एडमिन से बात कर प्रयागराज पहुंचे। फरीमा को पाकर पूरा परिवार खुशी से भावुक हो गया।