प्रयागराज (ब्यूरो)। मंडल के सबसे बड़े एसआरएन अस्पताल में कोविड के लिए एक हजार बेड रिजर्व किए गए हैं। रविवार को इनमें 48 मरीज भर्ती थे। इसमें से महज 15 मरीज आक्सीजन सपोर्ट पर थे। कुल मिलाकर 970 बेड खाली पड़े हुए थे। इनमें कोई भर्ती होने वाला नही था। बता दें कि कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए एसआरएन की मल्टी स्पेशयलिटी बिल्डिंग को लेवल थ्री यानी गंभीर कोरोना मरीजों के लिए रिजर्व किया गया है।

फूलपुर है एकदम खाली

स्वास्थ्य विभाग की ओर से फूलपुर सीएचसी के पचास बेड के अस्पताल को कोरोना के लेवल वन मरीजों के लिए रिजर्व किया गया है। यहां पहले दिन से एक भी मरीज भर्ती नही हुआ है। सभी बेड खाली पड़े हुए हैं। वहीं कोटवा अस्पताल के 60 बेड भी रिजर्व किए गए हैं। इनमें केवल दो मरीज भर्ती हैं। वह भी एकदम फिट हैं और मेले में संक्रमित पाए गए हैं। कुल मिलाकर 110 बेड के अपोजिट केवल दो मरीज ही भर्ती किए गए हैं।

इलाज के लिए भटक रहे हजारों मरीज

शहर के बेली अस्पताल में कोरोना के लेवल टू यानी मध्यम गंभीर मरीजों के लिए 226 बेड आरक्षित किए गए हैं। इनमें से 172 बेड पर आक्सीजन सपोर्ट भी है। लेकिन इस अस्पताल में केवल 16 मरीज ही भर्ती किए गए हैं। यह सभी स्वस्थ हैं। बाकी 210 बेड खाली पड़े हैं। बता दें कि बेली अस्पताल में रोजाना दो से ढाई हजार नए मरीज आते हैँ। लेकिन इसके कोरोना के लिए रिजर्व हो जाने से मरीज इलाज के लिए भटकने को मजबूर हैं।

आम जनता को भी है जरूरत

यह शुरुआत में ही तय हो गया था कि तीसरी लहर में संक्रमित होने वाला ओमिक्रान वायरस अधिक खतरनाक नही है। इस लहर में मरीज माइल्ड लक्षण वाले मिल रहे हैं। ऐसे में किसी एक अस्पताल को ही रिजर्व किया जाना था। एसआरएन और बेली जैसे अस्पतालों को रिजर्व किए जाने से आम जनता को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान में भी गंभीर मरीजों की संख्या कम होने के बावजूद शासन व प्रशासन की ओर से कोई फैसला नही लिया जा रहा है। कोरोना के नाम पर बेड और मैन पॉवर का मिसयूज हो रहा है।

फैक्ट फाइल

अस्पताल रिजर्व बेड भर्ती मरीज

एसआरएन अस्पताल 1000 30

बेली अस्पताल 226 16

कोटवा अस्पताल 60 2

फूलपुर अस्पताल 50 0

शासन व प्रशासन से जो आदेश मिला है उसका पालन किया जा रहा है। जब ऊपर से आदेश मिलेगा तो अस्पताल पुराने सिस्टम पर काम करने लगेंगे।

डॉ। एके तिवारी, जिला सर्विलांस अधिकारी स्वास्थ्य विभाग प्रयागराज