प्रयागराज (ब्यूरो)। कैंसर पीडि़त छात्र हर्ष नैनी स्थित सीओडी चाका निवासी संजय दुबे का इकलौता बेटा है। बताते हैं कि संजय पैर में कैंसर पीडि़त बेटे की हर ख्वाहिश पूरा करना चाहता है। एक दिन वह पिता से कहा कि पापा हम पुलिस का बड़ा अधिकारी बनना चाहते हैं। उसकी सेहत से अच्छी तरह वाकिफ पिता की आंखों में आंसू आ गए। उसने बेटे की इच्छा कमला नेहरू हॉस्पिटल के कैंसर डॉक्टर बी पाल व राधा रानी घोस को बताया। दोनों डॉक्टरों ने कैंसर पीडि़तों के लिए काम करने वाले पंकज रिजवानी से संपर्क किए। यह सभी लोग बाल को लेकर रविवार दोपहर एडीजी कार्यालय पहुंचे। अवकाश के दिन भी एडीजी प्रेम प्रकाश ऑफिस में काम करते हुए मिले। बालक की दशा और उसकी इच्छा सुनकर एडीजी का दिल मोम हो गया।
तीन बेल पर भागकर पहुंचा स्टॉफ
वह कुर्सी से उठे और हर्ष को अपनी यानी एडीजी की कुर्सी पर बैठा दिए। इसके बाद वह मेज पर रखी अपनी कैप हर्ष के सिर पर रख दिए। यह सब देखकर हर्ष के चेहरे की चमक बढ़ गई। मुस्कुराते हुए वह बोलने लगा सर थैंक्यू। एडीजी की तरफ से जवाब आया थैंक्यू सर, आज के एडीजी आप हैं। आप जिसे बुलाना चाहें जो निर्णय लेना चाहें बेधड़क ले सकते हैं। थोड़ी देर शांत रहने के बाद हर्ष टेबल पर रखी बेल को बजा दिया। दो तीन बार बेल बजते ही पूरा स्टॉफ भागकर एडीजी कक्ष में जा पहुंचा। कुर्सी पर बालक हर्ष को देखते ही सभी चौंक से गए। मगर माजरा समझते जवानों को देर नहीं लगा। लंबे कदम लाइनअप हुए और जवान बोले जय हिन्द सरएक दिन के एडीजी ने जवाब में सैल्यूट किया। इसके बाद हर्ष ने एडीजी की गाड़ी से काफी दूर तक पूरे रुतबे के साथ पुलिसिंग का मुआयना किए और थानेदारों की सेट से लोकेशन लिए। एडीजी के इस कार्य की हर तरफ जमकर सराहना हुई।