प्रयागराज (ब्‍यूरो)। अब पर्यटक और श्रद्धालु सीधे आसमान से संगम क्षेत्र में लैंड रहेंगे। सब ठीक रहा तो यह व्यवस्था महाकुंभ 2025 के बाद भी लागू रहेगी। पर्यटन विभाग इसके लिए प्रस्तावित योजनाओं को अमलीजामा पहनाने में जुट गया है। काफी हद तक व्यवस्था पूर्ण भी कर ली गई है। यह सब जानकर आप को आश्चर्य लग रहा होगा। मगर, बात सोलह आने खरी है। दरअसल महाकुंभ को देखते हुए यमुना नदी के किनारे एक हेलीपैड बनाया गया है। जहां पर एक साथ तीन हेलीकाप्टर उतर सकते हैं। जानकार हैरानी होगी कि इस हेली पैड को बनाने में करोड़ों रुपये खर्च किए गए हैं। व्यवस्था का संचालन अनुभवी व किसी नामी किसी एजेंसी को सौंपी जाएगी। हालांकि यह काम शासन स्तर से महाकुंभ के पूर्व किया जाएगा।

फिर महाकुंभ बार भी रहेगी यह सुविधा
संगम की रेत पर वर्ष 2019 में आयोजित अद्र्धकुंभ के दौरान हेलीकाप्टर सुविधा की योजना बनाई गई थी। किन्हीं कारणों से यह व्यवस्था पूरी तरह अमल में नहीं आ सकी थी। ऐसे में पुलिस लाइंस से पब्लिक को हेलीकाप्टर के जरिए मेला का भ्रमण कराया गया था। पास बजट और योजना पाइप लाइन में ही पड़ी रह गई थी। अगले वर्ष 2025 में यहां पर महाकुंभ का आयोजन होगा। इसकी विश्व स्तरीय धार्मिक मेला के आयोजन की तैयारी अभी से ही शुरू है। इसके तहत इस बार पर्यटकों को लुभाने व बढ़ावा देने के उद्देश्य से भी कई प्रयास किए जा रहे हैं। पर्यटन विभाग द्वारा किए जा रहे इन्हीं इंतजामों में एक हेलीकाप्टर सुविधा भी शामिल है। मंशा है कि महाकुंभ में ज्यादा से ज्यादा पर्यटक व श्रद्धालु सीधे संगम मेला क्षेत्र के आसपास पहुंच सकें। ऐसा हेलीकाप्टर से ही संभव है। क्योंकि महाकुंभ के दौरान भीड़ के चलते श्रद्धालुओं व पर्यटकों को काफी पैदल चलना पड़ता है। इससे लोग संगम या महाकुंभ जैसे आयोजन में आने से कतराने लगते हैं, खासकर पर्यटक। इसी लिए पर्यटकों व श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए फ्लोटिंग रेस्टोरेंट के पास मौज गिरि घाट के करीब हेलीपैड का निर्माण किया गया है।

चार करोड़ से अधिक का खर्च हुआ बजट
यह निर्माण पर्यटन विभाग के द्वारा 2019 में प्रस्तावित योजना के तहत कराया गया है। इस हेलीपैड के निर्माण में चार करोड़ से भी अधिक बजट खर्च किया गया है। इसे बनाने का काम पीडब्लूडी ने किया है। बनाए गए हेलीपैड परिसर में तीन 'एचÓ बनाए गए हैं। मतलब यह कि एक साथ इस हेलीपैड पर महाकुंभ में तीन हेलीकाप्टर उतर सकेंगे। साथ ही एक साथ वह तीनों उड़ान भी भर सकेंगे। सुरक्षा के मद्देनजर इस हेलीपैड के चारों तरफ बैरीकेटिंग की गई है। कहा यह भी जा रहा है कि पर्यटकों व श्रद्धालुओं को यह सुविधा महाकुंभ के भी दी जाएगी। मतलब यह कि साल भर लोग हेलीकाप्टर से सीधे संगम मेला क्षेत्र में उतर सकेंगे।

ऐसे उठा सकेंगे सुविधा का लाभ
महाकुंभ में गैर प्रदेश व गैर जनपद से लेकर विदेश से आने वाले पर्यटकों के साथ आप भी इस हेलीकाप्टर की सुविधा का लाभ ले सकते हैं।
इस हेलीकाप्टर सुविधा के संचालन का टेंडर लेने वाली संस्था के द्वारा यहां बुकिंग काउंटर बनाया जाएगा। वही संस्था हेलीकाप्टर का किराया भी तय करेगी।
हेलीपैड की आंतरिक सुरक्षा का दायित्व भी उसी कंपनी पर होगा। हेलीकाप्टर से लेकर चालक तक की व्यवस्था कंपनी करेगी।
टिकट बुकिंग आदि का काम भी टेंडर लेने वाली कंपनी के जिम्मे होगा। प्रशासन जरूरत पडऩे पर बाहरी सुरक्षा प्रदान करेगा, आंतरिक सुरक्षा में लोकल अफसर सपोर्ट करेंगे, बसर्ते संस्था के डिमांड पर।
इस हेलीकाप्टर का संचालन कहां से कहां तक होगा, इस इसका पूरा रूट चार्ज बाहर गेट पर चस्पा होगा, यह काम भी टेंडर लेने वाली संस्था ही करेगी।

हेलीपैड से वोटिंग कर पहुंच सकेंगे संगम
हेलीकाप्टर सुविधा का प्रयोग करने वाले श्रद्धालुओं को महाकुंभ के भीड़ भाड़ वाले रूट यानी रोड से होकर संगम तक पहुंचने के झमेले से भी बच सकेंगे। इसके लिए वह बनाए गए हेलीपैड पर उतरने के बाद सीधे बोटक्लब के करीब फ्लोटिंग रेस्टोरेंट जाएंगे। यहां से मोटर वोट की बुकिंग करके सीधे यमुना नदी से संगम पहुंच जाएंगे। वहां स्नान के बाद वे इसी रास्ते फिर हेलीपैड तक आ सकेंगे।

महाकुंभ में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटकों व श्रद्धालुओं को हेलीकाप्टर सुविधा दी जाएगी। इसके लिए चार करोड़ से अधिक की लागत से हेलीपैड का निर्माण कराया जा चुका है। संचालन व किराया एवं अन्य व्यवस्थाएं टेंडर लेने वाली संस्था तय करेगी। योजना 2019 में की है। फिलहाल महाकुंभ के बाद भी इस सुविधा को बरकरार रखने का प्लान है।
अपराजिता सिंह
क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी