प्रयागराज ब्यूरो । प्रयागराज- बेली के बाद एसआरएन अस्पताल में भी हेल्थ एकाउंट बनाने की सुविधा शुरू कर दी गई है। जानकारी के मुताबिक चौदह अंकों का हेल्थ एकाउंट बताने के बाद ही मरीज का पर्चा बनाया जाएगा। यह सुविधा आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत दी जा रही है। इसके लिए अस्पताल के पर्चा काउंटर पर बकायदा सूचना चस्पा की गई है और निशुल्क हेल्थ एकाउंट भी बनाया जा रहा है।
हजारों मरीजों का फायदा
हाल ही में बेली अस्पताल में यह सुविधा शुरू की गई है। अब यह एसआरएन में भी शुरू हो गई है। यहां रोजाना तीन से चार हजार नए मरीजों का पर्चा बनता है। इसके लिए काउंटर पर मरीजों को लाइन लगानी पड़ती है। एक मरीज को तीन से चार मिनट देना पड़ता और पूरी डिटेल नोट करानी पड़ती है। हर बार नए तरीके से पर्चा बनाया जाता है। लेकिन नई सुविधा में केवल एकाउंट नंबर बताने से तत्काल पर्चा बन जाएगा। इसमें समय की बचत होगी।
खुद भी बना सकते हैं हेल्थ एकाउंट
वैसे तो अस्पताल में काउंटर नंबर पांच पर यह सुविधा दी गई है जहां मरीज पर्चा बनवाते समय अपनी डिटेल देकर हेल्थ एकाउंट खुलवा सकता है। इसे आयुष्मान भारत हेल्थ एकाउंट नाम दिया गया है। घर बैठे भी यह प्रक्रिया पूर्ण की जा सकती है। इसके लिए
- मरीज के पास उसका आधार नंबर होना चाहिए।
- ओटीपी वेरिफिकेशन के लिए आधार नंबर का मोबाइल नंबर से लिंक होना जरूरी है।
- अेाटीपी वेरिफिकेशन होने के बाद 14 अंकों का आयुष्मान भारत हेल्थ एकाउंट जारी हो जाएगा।
- इसके बाद काउंटर पर चौदह अंक का हेल्थ एकाउंट नंबर बताने पर तत्काल पर्चा बन जाएगा।
बैंक एकाउंट की तरह करेगा वर्क
सरकार की योजना है कि हर व्यक्ति का अपना हेल्थ एकाउंट हो और उस पर उसकी पूरी मेडिकल हिस्ट्री मौजूद है। जिससे अगर वह इलाज कराने जाए तो नए सिरे से बताना न पड़े। हेल्थ एकाउंट डालते ही उसकी हिस्टी सामने आ जाए। इस दिशा में काम भी शुरू कर दिया गया है। पदेश के छह शहरों में इस पायलट प्रोजेक्ट को शुरू किया गया है। धीरे धीरे सभी शहरों में इसे लागू कर दिया जाएगा। फिर रोगी जिस भी शहर में जाकर अपना हेल्थ एकाउंट बताएगा, कम्प्यूटर स्क्रीन पर पूरी हेल्थ डिटेल शो करने लगेगी। डॉक्टर बिना कुछ पूछे उसकी बीमारी और दवा का प्रिस्क्रिप्शन जान जाएगा।
पेपरलेस हो जाएगी प्रक्रिया
इतना ही नही, अस्पतालों की पूरी प्रक्रिया पेपरलेस हो जाएगी। क्येांकि अभी मरीज आता है तो पालिथिन या झोले में तमाम पर्चे और पैथोलाजी रिपोर्ट लेकर आता है। लेकिन भविष्य में यह हेल्थ एकाउंट उसकी पूरी हिस्ट्री रखेगा। एक्सपट्र्स का कहना है कि पेपरलेस व्यवस्था होने के बाद अस्पतालों और मरीजों का कागज का खर्च कम हो जाएगा। सब कुछ हेल्थ एकाउंट में सेव रहेगा।
इसके अलावा हेल्थ एकाउंट बनने से भविष्य में पूरा सिस्टम पेपर लेस हो जाएगा। सबकुछ ऑनलाइन उपलब्ध होगा। सरकार इस योजना को पायलट प्रोजेक्ट की तरह लेकर आई है।
बैंक एकाउंट की तरह करेगा वक
यह सुविधा शुरू की गइ्र है। लोगों का हेल्थ एकाउंट बनाया जा रहा है। इससे भविष्य में वर्किंग पेपर लेस हो जाएगी और लोगों का समय भी बचेगा। और भी सुविधा भविष्य में मिल सकेंगी।
डॉ। एसपी सिंह, प्रिंसिपल, एमएलएन मेडिकल कॉलेज प्रयागराज