प्रयागराज (ब्यूरो)। सिर में गोली लगने से घायल पूर्व प्रधान संतोष सिंह पुत्र शमशेर सिंह प्रतापगढ़ जिले के संग्रामगढ़ थाना क्षेत्र स्थित करमाई गांव का निवासी है। उसी गांव का हरेंद्र मिश्रा पुत्र सहदेव मिश्रा भी था। बताते हैं कि संतोष और हरेंद्र मिश्र के बीच गहरी दोस्ती थी। दोनों रविवार की शाम किसी की अंत्येष्टि में शामिल होने के लिए कार से फाफामऊ घाट आ रहे थे। कार को संतोष ड्राइव कर रहा था। रास्ते में संतोष के पास किसी का फोन आया। इसके बाद कार रोक कर संतोष ने दो और लोगों को बैठा लिया। दोनों के बैठते ही वह कार लेकर आगे बढ़ा। नवाबगंज श्रृंगवेरपुर से थोड़ा आगे स्थित ईंट भट्ठे के पास रास्ते में बैठे दोनों युवक बाथरूम के बहाने कार रुकवा लिए। संतोष कार रोका तो दोनों नीचे उतर गए। इतने में बाइक से पहुंचे दो युवक कार में बैठे संतोष और हरेंद्र पर गोलियों की बरसात शुरू कर दी। ताबड़तोड़ हमलावरों द्वारा चलाई गई गोली हरेंद्र मिश्र और संतोष के सिर में जा धंसी। गोली लगते ही हरेंद्र मिश्र की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि पूर्व प्रधान संतोष घायल होकर तड़पते लगा। गोलियों की आवाज सुनकर आपास के लोग दौड़ पड़े। लोगों को आते देख वारदात को अंजाम देने वाले बाइक सवार बदमाश भाग निकले। खबर मिली तो पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया। नवाबगंज थाने की फोर्स के साथ सीओ सोरांव सुधीर कुमार मौके पर पहुंचे। घायल संतोष को फौरन एसआरएन हॉस्पिटल ले जाया गया। यहां उसकी हालत देर रात तक गंभीर बनी हुई थी। मौके का मुआयना करने के बाद एसएसपी व एसपी गंगापार भी हॉस्पिटल पहुंचे। अफसरों द्वारा घटना का कारण प्रधान पद को लेकर चल रही रंजिश बताया है। कहा गया कि पूछताछ में फिलहाल ऐसी ही बातें सामने आई हैं। हरेंद्र मिश्र के मौत की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। परिवार के लोग व रिश्तेदार भागकर एसआरएन हॉस्पिटल पहुंचे।


साल भर पूर्व हुई थी बड़े भाई की मौत
गोली मारकर मौत के घाट उतारे गए हरेंद्र मिश्र के बड़े भाई नरेंद्र मिश्र की मौत साल भर पूर्व हुई थी। रिश्ते में भतीजा लगने वाले प्रांजल ने बताया कि नरेंद्र मिश्र की मौत बीमारी के चलते हुई थी। उनके इलाज में उसके फूफा यानी हरेंद्र ने लाखों रुपये खर्च किया था। नरेंद्र की मौत के सदमें से अभी परिवार उबरा भी नहीं था कि हरेंद्र को भी मौत के घाट उतार दिया गया। फूफा की हत्या पर सुबक-सुबक कर हॉस्पिटल में रो रहे प्रांजल गम और गुस्से में था।


निशाना था संतोष मारा गया हरेंद्र?
पूर्व प्रधान संतोष सिंह की गांव में प्रधान पद के चुनाव को लेकर रंजिश काफी पुरानी बताई गई।
बताते हैं कि चुनाव में हरेंद्र संतोष सिंह की खुलकर मदद किया करते थे। व्यवहार कुशल हरेंद्र मिश्र की वोटरों के बीच अच्छी खासी पकड़ की थी।
वह हर एक के दुख और सुख में हमेशा खड़े रहते थे। यही वजह थी कि हरेंद्र की एक आवाज में सैकड़ों वोट संतोष के पक्ष में घूम जाया करता था।
उनका यह सपोर्ट भी संतोष के विपक्षियों को रास नहीं आ रही थी। फिलहाल पुलिस का मानना यह है कि कातिलों का निशाना हरेंद्र नहीं बल्कि संतोष ही था।
यह संयोग ही है कि दोनों साथ थे और हमलावरों ने दोनों पर गोलियां बरसा दीं। देर रात पुलिस अफसरों ने बताया गोली मारने में नीरज सिंह व धीरज सिंह का नामक दो युवकों का नाम सामने आ रहा है।
उन दोनों के साथ पुलिस रास्ते से कार में बैठने वालों की भी तलाश में जुट गई है

स्क्रिप्ट तैयार करके की गई यह हत्या
क्राइम सीन को देखते हुए यह तय हो गया है कि पूरी घटना की स्क्रिप्ट कातिलों द्वारा पहले से ही तैयार कर ली गई थी। हरेंद्र व संतोष कार से निकले हैं इस बात की पूरी रेकी की जा रही थी। कातिलों को पता था कि कार में सिर्फ दो लोग ही नहीं हैं। संतोष के पास किसी खास ने ही कॉल करके कहा होगा कि उसके दो लोग भी जा रहे हैं वह उन्हें कार में बैठा ले। शायद यही कारण है कि साजिश से बेखबर संतोष उसके कहने पर कार रोक कर रास्ते में बैठा लिया। वह दोनों कौन हैं यह बात अब संतोष के ठीक होने व उसके मोबाइल की जांच के बाद ही पता चलेगा। कॉल डिटेल से यह भी मालूम चल जाएगा कि उन दोनों को बैठाने के लिए फोन संतोष के पास किसने किया था।


गोली लगने से मृतक व घायल दोनों प्रतापगढ़ जिले के रहने वाले हैं। प्रथम दृष्टया छानबीन में पूरी घटना के पीछे कत्ल की वजह प्रधान पद के चुनाव की रंजिश सामने आई हैं। घटना में दो युवकों नीरज सिंह व धीरज सिंह का नाम सामने आ रहा है। इन तमाम बिन्दुओं पर जांच की जा रही है। हरेंद्र की बॉडी पोस्टमार्टम हाउस भेज दी गई है।
अभिषेक अग्रवाल, एसपी गंगापार