प्रयागराज (ब्यूरो)।गांव में सोमवार रात आई बारात देखने गई 12 वर्षीय मोनू प्रजापति की हत्या कर दी गई। चाकू से गोदकर बालिका की हत्या के बाद भी कातिलों के कलेजे को ठंडक नहीं पहुंची। कातिलों के जरिए हत्या के बाद उसकी पहचान मिटाने की भी कोशिश की गई। हत्यारे मौत के घाट उतारने के बाद उसकी बॉडी गांव के तालाब में फेंक दी। रात दस बज गए और वह घर नहीं लौटी तो परिजनों को फिक्र होने लगी। चिंतित परिवार के लोग उसकी तलाश में जुट गए। तालाब के पास खून से सने उसके पड़े हुए कपड़े को देखकर ग्रामीणों सन्नाटे में आ गए। बात मालूम चली तो तलाश रहे परिजन भी तालाब पर जा पहुंचे। कपड़ा मिलने के बाद भी वह नहीं मिली थी। ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस पहुंची और तालाब में उसकी तलाश शुरू हुई। रात में उसकी बॉडी का पता नहीं चल सका। सुबह उसी तालाब में बालिका की बॉडी उतराई हुई ग्रामीणों को नजर आई। तालाब में बालिका की बॉडी मिलने के बाद आक्रोशित ग्रामीण व परिजन हंगामा शुरू कर दिए। बालिका की हत्या के पीछे पुलिस प्रॉपर्टी और पैसे को कारण मान रही है। शाम पांच बजे तक उसकी बॉडी पोस्टमार्टम हाउस नहीं पहुंच सकी थी। घटना खीरी थाना क्षेत्र के कैथवल गांव की है।

मां व पिता की हो चुकी है मौत
कैथवल गांव निवासी राम निरंजन प्रजापति पेशे से किसान था। परिवार में उसकी पत्नी उर्मिला व दो बेटियां सोनू व मोनू ही थीं। बताते हैं कि आज से करीब दस साल पूर्व उसकी पत्नी उर्मिला की बीमारी से मौत हो गई थी। पत्नी की मौत के बाद राम निरंजन बेटियों के साथ जीवन काटने लगा। चूंकि पत्नी मर चुकी थी इस लिए पिता राम निरंजन अपनी दस-दस बिस्वा जमीन दोनों बेटियों के नाम कर दिया। इतना ही नहीं वह बेटियों के नाम खाते में दो-दो लाख रुपये भी रख दिया। बेटे थे नहीं ऐसे में उसकी मंशा थी कि यदि कभी वह नहीं रहा तो बेटियां इस पैसे और प्रॉपर्टी से अपना जीवन जी सकें। करीब दो साल पहले राम निरंजन प्रजापति की भी मौत हो गई। मां और पिता की मौत के बाद उसकी दोनों बेटियां 16 वर्षीय सोनू व 12 साल की मोनू दादा श्रीधर प्रजापति के साथ रहने लगीं। अनाथ होने के बाद बच्चियों की शिक्षा दीक्षा ठप हो गई थी। दोनों बहने दादा के संरक्षण में घर पर ही रहा करती थीं। मुसीबत की मारी दोनों बहनों के लिए सोमवार की रात मनहूस साबित हुई। गांव रात को गांव में बारात आई थी। बड़ी बहन सोनू व दादा को बता कर मोनू बारात देखने के लिए गई थी। उसे लौटने में काफी देर हो गई।

खाते में दो लाख कैश व नाम है जमीन
रात करीब दस बजे तक मोनू के घर नहीं पहुंचने पर परिवार के लोग गांव में खोजबीन शुरू कर दिए। बात पता चली तो पड़ोसी व गांव के कुछ दूसरे लोग भी तलाश में जुट गए।
सभी पूरा गांव छान मारे कहीं पर भी उसका कुछ पता नहीं चला। तालाब के किनारे उसका खून से सना हुआ कपड़ा मिलने के बाद रात में उसके कत्ल की बात कंफर्म हो गई थी।
खबर मिलने पर पहुंची खीरी पुलिस व ग्रामीणों की मदद से तालाब में बालिका को खोजने का प्रयास किया।
रात में अंधेरा होने के कारण उसकी तलाश में सफलता नहीं मिल सकी। मंगलवार सुबह गांव के तालाब में मोनू की बॉडी उतराई हुई देखकर ग्रामीण सन्न रह गए।
सभी भागकर तालाब पर पहुंचे और बॉडी बाहर निकाली गई। ग्रामीणों के द्वारा उसके बदन पर चोट के काफी गहरे जख्म बताए गए।
बालिका की हत्या से नाराज ग्रामीण हंगामा शुरू कर दिए। उन्हें शांत कराने में पुलिस को काफी देर हो गई।
शाम पांच बजे तक खीरी पुलिस बॉडी को पोस्टमार्टम हाउस नहीं भेज सकी थी। हत्या के पीछे फिलहाल पुलिस प्रॉपर्टी व पैसे को ही कारण मान रही है।